एक सोशल मीडिया पोस्ट से ₹80,000 करोड़ का नुकसान:रूसी अरबपति ओलेग टिंकोव ने बताई आपबीती, जानिए पूरा मामला – Russian Billionaire Oleg Tinkov Cost Of Critisizing Ukraine War Russian News Tinov


कॉरपोरेट जगत में दिया गया एक छोटा सा बयान कभी-कभी कितना भारी पड़ सकता है, इसका अंदाजा रूस के एक बैंकिंग दिग्गज की आपबीती से पता चलता है। रूस के जाने-माने बैंकर और टिंकॉफ बैंक के संस्थापक ओलेग टिंकोव ने दावा किया है कि यूक्रेन युद्ध के खिलाफ उनकी ओर से किए गए एक इंस्टाग्राम पोस्ट कारण उन्हें अपनी जीवन भर की कमाई से हाथ धोना पड़ा। इस पोस्ट के कारण उन्हें लगभग 9 अरब डॉलर यानी (करीब 80,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ।

ओलेग टिंकोव ने अपने एक पोस्ट में यूक्रेन युद्ध को पागलपन करार दिया था। इसके बाद उन्हें क्रेमलिन के दबाव में उन्हें टिंकोव बैंक में अपनी हिस्सेदारी कौड़ियों के दाम बेचनी पड़ी। टिंकोव ने कहा कि उन्हें वास्तविक मूल्य के केवल 3% भाव पर अपने शेयर बेचने पड़े। जिसके करण उन्हें करीब 9 अरब डॉलर यानी भारतीय रुपयों में करीब 80,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। टिंकोव ने बताया कि उन्होंने अपनी रूसी नागरिकता भी छोड़ दी है।

क्या था वह इंस्टाग्राम पोस्ट, जो बना बवाल का कारण?

साल 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत के बाद, टिंकोव बैंक के संस्थापक ओलेग टिंकोव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक कड़ा संदेश साझा किया था। उन्होंने इस युद्ध को पागलपन बताते हुए रूसी सेना की तैयारियों और देश में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए थे।

टिंकोव ने लिखा था, “मैं इस पागलपन भरे युद्ध का एक भी लाभार्थी नहीं देख पा रहा हूं। निर्दोष लोग और सैनिक मारे जा रहे हैं।” टिंकोव ने रूसी सैन्य नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि जनरल हैंगओवर से जागे और उन्हें अहसास हुआ कि उनकी सेना की स्थिति कितनी खराब है। टिंकोव ने दावा किया था कि रूस के 90 प्रतिशत लोग इस इस युद्ध के खिलाफ हैं।

बीबीसी और न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए हालिया साक्षात्कारों में टिंकोव ने बताया कि कैसे उनके उस एक पोस्ट ने क्रेमलिन में हलचल पैदा कर दी। उनके अनुसार, पोस्ट के कुछ ही दिनों बाद उन्हें धमकी भरे फोन आने लगे।

टिंकोव ने कहा, “मुझसे कहा गया कि या तो मैं बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेच दूं और ब्रांड से अपना नाम हटा लूं, या फिर बैंक का राष्ट्रीयकरण कर दिया जाएगा। मुझे कोई सलाह नहीं दी गई, बल्कि मुझपर दबाव बनाया गया। मेरी स्थिति एक ‘बंधक’ की तरह थी।”

अप्रैल 2022 में टिंकोव ने आखिरकार बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेच दी। टिंकोव का दावा है कि उन्हें उनकी संपत्ति के वास्तविक मूल्य का केवल 3 प्रतिशत हिस्सा ही मिला। इस कारण उनकी नेटवर्थ से सीधे तौर पर 9 अरब डॉलर कम हो गए।

कौन हैं ओलेग टिंकोव?

ओलेग टिंकोव रूस के सबसे सफल उद्यमियों में से एक रहे हैं। उन्होंने ‘टिंकॉफ बैंक’ की स्थापना की थी, जो रूस के सबसे आधुनिक और डिजिटल-फर्स्ट बैंकों में गिना जाता था। वह एक समय रूस के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में शामिल थे, लेकिन वर्तमान में वह रूस छोड़ चुके हैं और अपनी नागरिकता भी दोड़ चुके हैं।

टिंकोव का कहना है कि न केवल उन्हें वित्तीय रूप से बर्बाद करने की कोशिश की गई, बल्कि उस बैंक से उनका नाम मिटाने का भी प्रयास हुआ जिसे उन्होंने दशकों की मेहनत से खड़ा किया था। ओलेग टिंकोव की कहानी आधुनिक बिजनेस इतिहास में एक चेतावनी की तरह है। यह दिखाता है कि कैसे सत्ता के खिलाफ एक आवाज, किसी अरबपति को भी एक झटके में अर्श से फर्श पर ला सकती है। फिलहाल, टिंकोव निर्वासन में रह रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूस के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।





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