चीन-ताइवान तनाव:कई उड़ानें रद्द, सामान्य लोगों पर पर भी असर; ऐसा रहा ‘जस्टिस मिशन 2025’ अभ्यास का तीसरा दिन – China Justice Mission 2025 Flexes Blockade Capabilities Near Taiwan On 3rd Day Of Military Drills


चीन और ताइवान के बीच सीमा पर तनाव और बढ़ गया है, जिसके चलते ताइवान जलडमरूमध्य एक बार फिर युद्ध जैसे हालात की आहट से गूंज उठा है। कारण है कि चीन ने लगातार तीसरे दिन भी ताइवान के चारों ओर बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास कर ताकत का प्रदर्शन किया। इस अभ्यास में चीन की वायुसेना, नौसेना और मिसाइल इकाइयों ने मिलकर लाइव-फायर ड्रिल (सीधे हथियारों से अभ्यास) की। इस दौरान चीन ने लाइव फायरिंग भी की। बता दें कि चीन ने इस अभियान को ‘जस्टिस मिशन 2025’ नाम दिया है।

चीन का कहना है कि यह अभ्यास ताइवान को समर्थन देने वाली बाहरी ताकतों को चेतावनी देने के लिए किया गया है। ताइवान के अधिकारियों ने बताया कि इस बार चीनी मिसाइलें और रॉकेट पहले से ज्यादा ताइवान के करीब गिरे, जिससे चिंता और बढ़ गई है।

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सामान्य लोगों पर दिखा गहरा असर

चीन के ये अभ्यास सिर्फ सैन्य दबाव नहीं बना रहे हैं, बल्कि लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर भी असर डाल रहे हैं। ताइवान की नागरिक विमान सेवा ने ताइवान जलडमरूह क्षेत्र के आसपास  सात खतरनाक जोन बनाए जाने की सूचना दी। चार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के लगभग 150 उड़ानों का समय बदला गया, उनमें देरी या रद्द भी हुई। इतना ही नहीं सिर्फ मंगलवार को ताइवान में 941 उड़ानों पर असर पड़ा। ऐसे में साफ तौर पर देखा जा रहा है कि चीन की सैन्य अभ्यास आम लोगों की यात्रा और काम-काज को भी प्रभावित कर रहे हैं।

दूसरी ओर ताइवान के मछुआरों को चीन के अभ्यास की वजह से काम करने में दिक्कत हो रही है। केलुंग डिस्ट्रिक्ट फिशरमेन एसोसिएशन ने हर घंटे रेडियो पर सूचना दी कि कौन-सी जगह पर अभ्यास हो रहा है ताकि मछुआरे सुरक्षित रहें। मछुआरों की आमदनी और जीवन पर इससे सकारात्मक असर नहीं, बल्कि नुकसान हुआ।

बाहरी ताकतों तो चीन की मजबूत चेतावनी

मामले में चीन ने अपने आधिकारिक मीडिया में लिखा कि यह अभ्यास एक साफ संदेश है कि ताइवान को चीन से अलग करने की कोशिश करने वालों को रोकने के लिए वह हमेशा तैयार है। बता दें कि अभ्यास के दौरान चीन सेना के ईस्टर्न थियेटर कमांड ने अपने अभ्यास में डिस्ट्रॉयर और फ्रिगेट जहाज, फाइटर जेट और बॉम्बर और लॉन्ग-रेंज मिसाइल और ग्राउंड फोर्सेज के लाइव फायर अभ्यास शामिल किया। 

इसके साथ ही सैनिक अभ्यास के दौरान चीन ने ताइवान के उत्तर और दक्षिणी जलडमरूह क्षेत्रों में जमीनी और हवाई हमलों का भी अभ्यास किया। ताइवान के डिफेंस मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि 27 रॉकेट्स ताइवान के पास गिरे, जो पहले के मुकाबले बहुत करीब थे।



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ताइवान की प्रतिक्रिया


वहीं चीन के इस हरकत को देखते हुए ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने कहा कि ताइवान संघर्ष नहीं बढ़ाएगा और विवाद को उकसाएगा नहीं। हालांकि उन्होंने चीन के इस कदम की निंदा भी की। उन्होंने कहा कि चीन के लगभग 130 हवाई जहाज और 14 युद्धपोत ट्रैक किए हैं। इतना ही नहीं चीन के लगभग 90 विमान ताइवान जलडमरूह की मध्य रेखा पार कर गए। ऐसे में ताइवान के राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि चीन का लक्ष्य लोगों का मनोबल कम करना और ताइवान सरकार पर दबाव डालना है।



अब समझिए क्या है इसका अंतरराष्ट्रीय पहलू


चीन ने कहा कि यह अभ्यास ताइवान की स्वतंत्रता चाहने वाले और बाहरी ताकतों के लिए चेतावनी है, लेकिन किसी देश का नाम नहीं लिया। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते चीन ने 20 अमेरिकी रक्षा कंपनियों और 10 अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया, क्योंकि अमेरिका ने ताइवान को 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा की हथियार बिक्री की। वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस अभ्यास की पहले से जानकारी नहीं थी, लेकिन वह इस पर ज्यादा चिंतित नहीं हैं।



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