नया साल, नई बचत:2026 में आपकी जेब पर महंगाई का असर कम होगा, जानिए आर्थिक बदलावों का घर के बजट पर कितना असर – New Year 2026 Inflation Impact On Common Man Pocket Household Budget New Year Economic Expectations


हमने जैसे ही साल 2026 में कदम रखा है, हर मध्यमवर्गीय परिवार पिछले साल के अपने खर्चे और बचत का हिसाब-किताब लगा रहा है। साल 2025 जहां स्कूल फीस और मेडिकल खर्चों की चुनौतियों भरा रहा, वहीं जाते-जाते इस साल ने हमें टैक्स और जीएसटी में बड़ी राहतों का तोहफा भी दिया। अब सवाल यह है कि क्या 2026 वाकई आपकी जेब के लिए ‘हैप्पी न्यू ईयर’ साबित होगा? विशेषज्ञों और आर्थिक रिपोर्ट्स की मानें तो कम होती ब्याज दरें और गिरती महंगाई दर इस साल आपके घर के बजट को बड़ी राहत देने वाली हैं।

जीएसटी में बड़े बदलाव और 8वें वेतन आयोग की उम्मीदें

टैक्स विशेषज्ञ एवं निवेश सलाहकार प्रवीन माहेश्वरी के अनुसार, साल 2025 में सरकार का पूरा फोकस पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) से हटकर खपत बढ़ाने पर रहा। आठवें वेतन आयोग के लागू होने की सुगबुगाहट और आयकर में मिली छूट ने आम आदमी के हाथ में खर्च करने के लिए अधिक पैसा दिया है।

महेश्वरी सलाह देते हैं, “2026 की शुरुआत करते समय अपना वार्षिक बजट तैयार करें और आपातकालीन फंड को और मजबूत करें। हालांकि वैश्विक उथल-पुथल का असर रहता है, लेकिन इस साल घरेलू मोर्चे पर स्थिति काफी अनुकूल दिख रही है।”

थाली हुई सस्ती: दूध, पनीर और रोटियों पर कोई टैक्स नहीं

आम आदमी के लिए सबसे सुखद खबर रसोई के बजट से जुड़ी है। सरकार ने घर की बुनियादी जरूरतों को सस्ता करने के लिए यूएचटी दूध, पनीर और सभी प्रकार की भारतीय रोटियों (रोटी, चपाती, पराठा) पर जीएसटी को शून्य कर दिया है। इससे रोजमर्रा के खाने-पीने के खर्च में सीधी बचत देखने को मिल रही है।


सेहत और सुरक्षा का कवच हुआ किफायती

बीमा क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी बदलावों ने 2026 को सुरक्षित बना दिया है। व्यक्तिगत जीवन बीमा (टर्म, यूलिप, एंडोमेंट) और स्वास्थ्य बीमा (फैमिली फ्लोटर, वरिष्ठ नागरिक) प्रीमियम पर अब जीएसटी शून्य कर दिया गया है। इसके अलावे, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाओं सहित 33 अन्य जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर शून्य कर दी गई है। इससे स्वास्थ्य देखभाल पर होने वाला खर्च काफी कम हो गया है।

महंगाई से राहत का अनुमान

एसबीआई (SBI) रिसर्च और क्रिसिल (CRISIL) की रिपोर्ट मध्यम वर्ग के लिए खुशहाली के संकेत दे रही हैं। वित्त वर्ष 2026 में खुदरा महंगाई दर गिरकर औसतन 3.5% रहने का अनुमान है, जो पिछले साल 4.6% थी। कृषि उत्पादन में सुधार के कारण सब्जियों, अंडों और डेयरी उत्पादों की कीमतों में स्थिरता या गिरावट आने की संभावना है।

यदि दुनिया में भू-राजनीतिक हालात सुधरते हैं, तो ब्रेंट क्रूड की कीमत 60 से 65 डॉलर प्रति बैरल के बीच रह सकती है। इन अनुमानों से लगता है कि रसोई पर महंगाई नियंत्रित रह सकती है।

घर खरीदने का सपना होगा पूरा, ईएमआई हो सकती है सस्ती

अगर आप 2026 में अपना घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह सही समय हो सकता है। आरबीआई (RBI) ने 2025 के दौरान रेपो रेट में कुल 125 आधार अंकों की कटौती की है, जिससे पॉलिसी रेट अब 5.25% पर आ गए हैं।

कोटक सिक्योरिटीज के पंकज कुमार बताते हैं कि ब्याज दरों में इस बड़ी कटौती ने होम लोन की ईएमआई को काफी सस्ता कर दिया है। हालांकि 2026 की दूसरी छमाही में घरों की कीमतों में कुछ उछाल आ सकता है, लेकिन साल की पहली छमाही तक कीमतें स्थिर रहने का अनुमान है।

आने वाले बजट से क्या हैं उम्मीदें?

आर्केड डेवलपर्स लिमिटेड के डायरेक्टर अर्पित जैन के अनुसार, आगामी केंद्रीय बजट में सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन को और बढ़ाने और किफायती आवास के लिए ब्याज सब्सिडी देने जैसे कदम उठा सकती है। यदि बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए और अधिक प्रोत्साहन मिलते हैं, तो मध्यमवर्गीय परिवारों की वित्तीय स्थिति इस साल और भी मजबूत होगी। कुल मिलाकर, साल 2026 कम ब्याज दरों, सस्ती दवाओं और टैक्स राहतों के साथ बचत का साल बनने की ओर अग्रसर है।



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