Health Benefits Of Quitting Sugar From Diet Know Chini Khana Chodne Ke Fayde – Amar Ujala Hindi News Live



दुनियाभर में जिस तरह से पिछले एक-दो दशकों में क्रॉनिक बीमारियों के मामले तेजी से बढ़े हैं, ये स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है। 20 से भी कम उम्र के लोग हृदय रोग, हार्ट अटैक और डायबिटीज जैसी बीमारियों का शिकार पाए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव बढ़ गया है कि साथ ही लोगों की क्वालिटी ऑफ लाइफ भी प्रभावित हो रही है। 

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स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए कम उम्र से ही लाइफस्टाइल और आहार में सुधार करना बहुत जरूरी है। आप जो कुछ भी खाते-पीते हैं उसका सेहत पर सीधा असर होता है, इसलिए उन चीजों से तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए जो आपको बीमार कर सकती हैं।

जब बात आहार में सुधार की होती है तो सबसे पहले तैलीय भोजन, नमक को कम करने और शराब-सिगरेट से तुरंत दूरी बना लेन की सलाह दी जाती है। हालांकि एक रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा है कि अल्कोहल और तैलीय आहार तो नुकसानदायक हैं ही पर इससे भी नुकसानदायक एक चीज है जिसपर अक्सर लोगों का ध्यान नहीं जाता है। 




Health benefits of quitting sugar from diet know chini khana chodne ke fayde

चीनी खाने से होने वाले नुकसान
– फोटो : Freepik.com


चीनी छोड़ने के दिखते हैं जल्द फायदे

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के पोषण व मेटाबोलिक हेल्थ के विशेषज्ञ प्रो. डेविड लुडविग और उनकी टीम कहती है, अल्कोहल के मुकाबले अगर आप चीनी छोड़ देते हैं तो इसके जल्द ही फायदे दिखने शुरू हो जाते हैं। चीनी छोड़ने पर सिर्फ 72 घंटे में ही ऊर्जा और मानसिक स्पष्टता में काफी सुधार आने लगता है और आप शरीर में अलग ही स्फूर्ति का अनुभव कर पाते हैं।  

चीनी छोड़ने से शरीर में मात्र कुछ दिनों में असर दिखने लगता है, जबकि ग्लूटेन और अल्कोहल को छोड़ने पर प्रभाव की गति धीमी और व्यक्ति-विशेष पर निर्भर करती है। इतना ही नहीं अकेले चीनी से ही दूरी बनाकर हार्ट-डायबिटीज और मेटाबॉलिज्म से संबंधित कई समस्याओं के खतरे को कम कर सकते हैं।


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चीनी छोड़ना अच्छी सेहत के लिए लाभकारी
– फोटो : Freepik.com


क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?

प्रो. लुडविग कहते हैं अच्छी सेहत पाना चाहते हैं तो सबसे पहले चीनी छोड़िए। इस बदलाव के 48 से 72 घंटों के भीतर ब्लड शुगर पहले की तुलना में बेहतर तरीके से स्थिर होने लगता है। इस दौरान ऊर्जा और मानसिक स्पष्टता बेहतर महसूस होती है तथा धीरे-धीरे शरीर में इंफ्लेमेशन भी कम होने लगता है। कुछ ही महीनों के भीतर इससे मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है।

शुगर छोड़ने पर ग्लाइसेमिक स्पाइक घटते ही मेटाबोलिज्म स्थिर होता है और ऊर्जा बढ़ने लगती है। वहीं अल्कोहल छोड़ने का असर क्रमिक है, पर दीर्घकालिक लाभ जैसे मानसिक स्पष्टता, लिवर स्वास्थ्य, हार्मोनल संतुलन स्थाई हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार लो मेटाबोलिज्म बार-बार शुगर क्रैश या क्रॉनिक थकान वाले लोगों को सबसे पहले चीनी कम या बंद करने के स्पष्ट लाभ दिखते हैं।


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चीनी छोड़ने से डायबिटीज का खतरा कम होने लगता है
– फोटो : Freepik.com


चीनी छोड़ना सेहत के लिए अच्छा

डॉक्टर कहते हैं,  चीनी छोड़ने का असर सबसे जल्दी इसलिए दिखता है क्योंकि यह सीधे खून में शुगर और इंसुलिन लेवल को प्रभावित करती है, इसलिए 2-3 दिन में बदलाव महसूस होने लगता है। अल्कोहल का असर धीमा होता है क्योंकि इसे लिवर को प्रोसेस करना पड़ता है और शरीर को मरम्मत व संतुलन बनाने में हफ्तों से महीनों का समय लगता है। वहीं ग्लूटेन का असर केवल उन लोगों में जल्दी दिखता है जिन्हें सीलिएक रोग या ग्लूटेन सेंसिटिविटी है।


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हृदय रोगों से बचाव के लिए भी चीनी छोड़ना जरूरी
– फोटो : Freepik.com


चीनी छोड़ने के इन फायदों को भी जानिए

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की गाइडलाइन भी कहती है कि रोज की कुल कैलोरी का सिर्फ 5-10% ही चीनी से आना चाहिए, लेकिन हम औसतन इससे कहीं ज्यादा चीनी से कैलोरी ले रहे होते हैं।

  • चीनी छोड़ना आपके दिल की सेहत को सुरक्षित रखने के लिए भी जरूरी है क्योंकि ज्यादा शुगर सीधे हाई ब्लड प्रेशर और खराब कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी होती है।
  • इतना ही नहीं इससे त्वचा पर भी सीधा लाभ दिखना शुरू हो जाता है। अधिक चीनी त्वचा में कोलाजेन को नुकसान पहुंचाती है और जल्दी झुर्रियां ला सकती है।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।




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