जहरीले कफ सिरप से हुई मौतों के मामले में पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। रविवार को सन फार्मा कंपनी के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) सतीश वर्मा को परासिया पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार किया। सतीश वर्मा पर आरोप है कि उसने डॉक्टरों को कमीशन देकर कंपनी की दवाइयां मरीजों को लिखवाने का दबाव बनाया था।
SIT करेगी कमीशन नेटवर्क की जांच
अब मामले की जांच विशेष जांच टीम (SIT) के पास है। टीम यह पता लगाएगी कि किन डॉक्टरों को कमीशन दिया गया। किनके माध्यम से दवाई की सप्लाई की गई। कंपनी ने कैसे जहरीली दवाइयां बाजार में पहुंचाईं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच में कुछ प्रमुख निजी डॉक्टरों और मेडिकल एजेंसियों के नाम सामने आने की संभावना है।
पहले भी हुई थीं गिरफ्तारियां
इससे पहले पुलिस ने ‘अपना फार्मा’ एजेंसी के संचालक को गिरफ्तार किया था। यह वही एजेंसी थी, जिसने जहरीला कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ छिंदवाड़ा बुलाकर सप्लाई किया था। इस एजेंसी से जुड़ी अन्य दवाइयों के सैंपल लैब भेजे गए हैं। वहीं, डॉक्टरों की भूमिका और उनकी कमीशन डीलिंग की जांच भी जारी है।
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हर कड़ी जोड़ रही पुलिस
छिंदवाड़ा पुलिस इस पूरे मामले की हर परत खोलने में जुटी है। कंपनी के मालिक, एजेंसी संचालक, डॉक्टर और अब एमआर की गिरफ्तारी के बाद जांच का दायरा और विस्तृत हो गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि “सतीश वर्मा की गिरफ्तारी के बाद अब यह स्पष्ट होगा कि कमीशन की लालच में किन डॉक्टरों ने मरीजों को जहरीली दवाइयां लिखीं।”
आगे क्या?
एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद कंपनी और डॉक्टरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की पूरी संभावना है। फिलहाल पुलिस दवा वितरण चैनल और कमीशन ट्रांजेक्शन की फाइलें खंगाल रही है।