India
oi-Kumari Sunidhi Raj
Karnataka
High
Court:
कर्नाटक
में
सरकार
और
राष्ट्रीय
स्वयंसेवक
संघ
(RSS)
के
बीच
चल
रहे
टकराव
पर
अब
हाईकोर्ट
ने
बड़ा
फैसला
सुनाया
है।
सरकार
के
आदेश
के
खिलाफ
RSS
की
याचिका
पर
सुनवाई
करते
हुए
अदालत
ने
उन
पाबंदियों
पर
रोक
लगा
दी
है
जो
संघ
की
गतिविधियों
को
सीमित
कर
रही
थीं।
यह
आदेश
जस्टिस
एम.
नागप्रसन्ना
की
अध्यक्षता
वाली
बेंच
ने
सुनाया।
अदालत
ने
राज्य
सरकार,
गृह
विभाग
और
हुबली
पुलिस
आयुक्त
को
नोटिस
भी
भेजे
हैं।
दरअसल,
राज्य
सरकार
ने
हाल
ही
में
एक
आदेश
जारी
कर
कहा
था
कि
बिना
अनुमति
10
से
ज्यादा
लोगों
का
जुटना
अपराध
माना
जाएगा।
सार्वजनिक
स्थानों
जैसे
पार्क,
मैदान
और
झीलों
में
आयोजनों
पर
रोक
लगाई
जाएगी।
अब
हाईकोर्ट
के
इस
फैसले
से
सरकार
की
मंशा
पर
सवाल
उठने
लगे
हैं
और
राजनीतिक
हलचल
भी
तेज
हो
गई
है।

सरकार
के
आदेश
को
दी
गई
चुनौती
RSS
ने
सरकार
के
18
अक्टूबर
2025
के
आदेश
के
खिलाफ
याचिका
दायर
की
थी।
इस
आदेश
के
तहत
बिना
अनुमति
10
से
ज्यादा
लोगों
का
एक
जगह
इकट्ठा
होना
अपराध
माना
गया
था।
साथ
ही
सड़कों,
पार्कों,
मैदानों
और
झीलों
जैसे
सार्वजनिक
स्थानों
पर
ऐसे
आयोजनों
पर
भी
रोक
लगाई
गई
थी।
सरकार
ने
यह
आदेश
पुलिस
एक्ट
के
तहत
जारी
किया
था।
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ओवैसी
को
भी
दी
सलाह
RSS
को
मिली
राहत
हाईकोर्ट
ने
कहा
कि
सरकार
किसी
भी
हाल
में
नागरिकों
के
मौलिक
अधिकारों
को
सीमित
नहीं
कर
सकती।
अदालत
ने
बताया
कि
संविधान
के
अनुच्छेद
19(1)(A)
और
19(1)(B)
के
तहत
नागरिकों
को
अभिव्यक्ति
और
शांतिपूर्ण
सभा
का
अधिकार
मिला
है।
कोई
भी
सरकारी
आदेश
इन
अधिकारों
से
ऊपर
नहीं
हो
सकता।
अदालत
के
इस
आदेश
से
RSS
को
फिलहाल
राहत
मिली
है।
अब
मामले
की
अगली
सुनवाई
तक
सरकार
का
आदेश
लागू
नहीं
रहेगा।
तेजस्वी
सूर्या
ने
कांग्रेस
पर
साधा
निशाना
हाईकोर्ट
के
फैसले
के
बाद
बीजेपी
सांसद
तेजस्वी
सूर्या
ने
कहा
कि
RSS
के
खिलाफ
कार्रवाई
कांग्रेस
नेता
प्रियंक
खड़गे
की
साजिश
है।
उन्होंने
कहा
कि
“RSS
हमेशा
शांतिपूर्ण
तरीके
से
अपनी
गतिविधियां
करता
आया
है,
उस
पर
प्रतिबंध
लगाना
पूरी
तरह
गलत
है।”
कांग्रेस
सरकार
का
विवादित
कदम
दरअसल,
कर्नाटक
कैबिनेट
ने
16
अक्टूबर
को
सार्वजनिक
आयोजनों
और
रैलियों
को
नियंत्रित
करने
के
लिए
नए
नियमों
को
मंजूरी
दी
थी।
इसे
RSS
की
गतिविधियों
पर
रोक
लगाने
की
कोशिश
माना
गया।
यह
फैसला
उस
वक्त
लिया
गया
जब
आईटी
और
बायोटेक्नोलॉजी
मंत्री
प्रियंक
खड़गे
ने
मुख्यमंत्री
सिद्धारमैया
को
पत्र
लिखकर
सरकारी
संपत्तियों
पर
RSS
के
आयोजनों
को
रोकने
की
मांग
की
थी।
बीजेपी
का
पलटवार,
सरकार
की
सफाई
बीजेपी
ने
इस
कदम
को
कांग्रेस
सरकार
की
‘राजनीतिक
बदले
की
कार्रवाई’
बताया।
वहीं,
राज्य
सरकार
ने
कहा
कि
2013
में
बीजेपी
सरकार
ने
भी
एक
सर्कुलर
जारी
किया
था
जिसमें
स्कूलों
और
मैदानों
के
इस्तेमाल
को
केवल
शैक्षणिक
उद्देश्यों
तक
सीमित
किया
गया
था।
इसलिए
यह
कोई
नया
कदम
नहीं
है।
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