बांग्लादेश में आगामी आम चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने बुधवार को चेतावनी दी कि देश और विदेश की कई ताकतें चुनाव प्रक्रिया को विफल करने की कोशिश कर सकती हैं। यूनुस ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को चुनाव से बाहर रखने के फैसले के बाद कुछ शक्तिशाली समूह लोकतंत्र की बहाली की राह में बाधा डाल सकते हैं।
‘देश-विदेश की ताकतें विफल करना चाहती हैं चुनाव’
यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम के अनुसार, एक उच्च स्तरीय बैठक में यूनुस ने कहा देश और विदेश की कई शक्तिशाली ताकतें चुनाव को बिगाड़ने की कोशिश करेंगी। अचानक हमलों की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर AI-जनित वीडियो और झूठे प्रचार अभियान चलाए जा सकते हैं, जिन पर तुरंत कार्रवाई की जरूरत है। यूनुस ने कहा कि आने वाला चुनाव कठिन और चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन देश को इन बाधाओं को पार करना होगा।
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शेख हसीना ने कहा- लोकतंत्र बहाल करना जरूरी
इसी बीच बर्खास्त प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विदेशी मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि बांग्लादेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव ही देश को स्थिरता की ओर ले जा सकते हैं। हसीना अगस्त 2024 में छात्र आंदोलन से सत्ता से बेदखल होने के बाद से भारत में रह रही हैं। उन्होंने कहा लाखों लोग अवामी लीग के समर्थक हैं, उन्हें वोट से वंचित नहीं किया जा सकता। बिना हमारे शामिल हुए कोई भी सरकार वैध नहीं होगी।
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अवामी लीग पर प्रतिबंध और बीएनपी की बढ़त
यूनुस सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर अवामी लीग की गतिविधियां बंद कर दी हैं और पार्टी के कई नेताओं पर देशद्रोह और मानवाधिकार उल्लंघन के मुकदमे चल रहे हैं। चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण निलंबित कर दिया है, जिससे वह आगामी चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएगी। ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी अब चुनाव में प्रमुख दावेदार मानी जा रही है। ढाका में अवामी लीग समर्थक बीच-बीच में फ्लैश मार्च निकालते रहे हैं, जिन पर पुलिस ने कई बार कार्रवाई की है।