‘misappropriation By Ideology That Had No Role In Freedom Movement’: Cong Jabs Bjp-rss On Patel Birth Anniv – Amar Ujala Hindi News Live


सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर कांग्रेस ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा। कांग्रेस ने कहा कि उनके निस्वार्थ नेता भी हैरान हो जाते हैं, अगर उन्हें पता चलता कि उनका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। खुद पटेल के शब्दों में इस विचारधारा ने ऐसा माहौल बनाया, जिससे महात्मा गांधी की हत्या जैसी खौफनाक घटना संभव हो सकी।  

पटेल जयंती पर कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश कहा, खासकर 2014 से दो लोगों का समूह (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह) और उनका तंत्र 2014 से इतिहास को बेधड़क तोड़-मरोड़कर पेश कर रहा है। रमेश ने एक्स पर लिखा, आज जब कृतज्ञ राष्ट्र सरदार पटेल की 150वीं जयंती मना रहा है, हमें याद रखना चाहिए कि 13 फरवरी 1949 को जवाहर लाल नेहरू ने गोधरा में सरदार पटेल की मूर्ति का अनावरण किया था, जहां उन्होंने अपना वकालत का करियर शुरू किया था। इस अवर नेहरू का भाषण दोबारा पढ़ना चाहिए, ताकि उनकी तीन दशकों से अधिक की मजबूत और गहरी साझेदारी को समझा जा सके। 

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‘पटेल-नेहरू ने की रही तीन दशक से अधिक की साझेदारी’

रमेश ने कहा, सरदार पटेल की 75वीं जयंती के मौके पर नेहरू ने कहा था कि पटेल ने अपने लंबे और उल्लेखनीय सेवा रिकॉर्ड के बावजूद देश की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभाला और उन्होंने राष्ट्रीय गतिविधियों में उनके साथ तीस वर्षों का साथ साझा किया। इन वर्षों में उठापटक और बड़ी घटनाओं के बीच पटेल एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे, जिनसे बड़ी संख्या में लोग मार्गदर्शन की उम्मीद रखते थे।

नेहरू ने पटेल के लिए चुना ‘भारत की एकता के शिल्पकार’ शब्द

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि 19 सितंबर 1963 को तत्कालीन राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन ने संसद भवन और चुनाव आयोग कार्यालय के पास नई दिल्ली के प्रमुख गोल चौराहे पर सरदार पटेल की मूर्ति का अनावरण किया था। नेहरू भी उस समय मौजूद थे और उन्होंने मूर्ति पर ‘भारत की एकता के शिल्पकार’ का सरल लेकिन शक्तिशाली शब्द चुना।

इंदिरा गांधी ने भी किया था पटेल के योगदान को याद

उन्होंने याद दिलाया कि 31 अक्तूबर 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की शताब्दी वर्ष समापन समारोह की अध्यक्षता की और उनकी अनेक उपलब्धियों और योगदानों को व्यापक रूप से याद किया।

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‘इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहा जी2 और उनका तंत्र’

रमेश ने कहा, 2014 से खासकर, इतिहास दो लोगों के समूह (जी2) और उनके तंत्र द्वारा बेधड़क विकृत और गलत पेश किया जा रहा है।  कांग्रेस नेता ने आगे कहा, निस्वार्थ नेता उनके गलत इस्तेमाल से हैरान हो जाते, क्योंकि इस विचारधारा स्वतंत्रता संग्राम या संविधान निर्माण में कोई भूमिका नहीं निभाई और पटेल के शब्दों में, इसने ऐसा माहौल बनाया जो 30 जनवरी 1948 की खौफनाक त्रासदी को संभव बना सका।

स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे सरदार पटेल

1875 में गुजरात के नाडियाड में जन्मे पटेल स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। अपनी असाधारण नेतृत्व क्षमता और राष्ट्र के एकीकरण के प्रति अडिग प्रतिबद्धता के लिए उन्हें ‘भारत का लौहपुरुष’ के रूप में याद किया जाता है। उनका निधन 1950 में हुआ।



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