पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग (ईसी) ने शनिवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत 80,000 से अधिक बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया। लेकिन इस दौरान कई बीएलओ ने सुरक्षा और ड्यूटी स्टेटस की आधिकारिक मान्यताकी मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। चुनाव आयोग रविवार और सोमवार को राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलओ) को भी प्रशिक्षण देगा। पूरा प्रशिक्षण 3 नवम्बर तक चलेगा, जिसके बाद 4 नवम्बर से बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन और फॉर्म भरने का काम शुरू करेंगे।
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आज 80 हजार से ज्यादा बीएलओ को दिया गया प्रशिक्षण
एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार को कुल 80,861 बीएलओ को प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें बताया गया कि कैसे वे मतदाता सत्यापन फॉर्म की जांच करेंगे, मतदाताओं से समन्वय बनाएंगे और बीएलओ एप पर जानकारी अपलोड करेंगे। प्रत्येक बीएलओ को एक किट दी गई, जिसमें पहचान पत्र और टोपी शामिल थी। चुनाव आयोग ने बीएलओ के लिए 16 बिंदुओं वाले दिशा-निर्देश जारी किए हैं और काम को आसान बनाने के लिए एक नया मोबाइल एप भी शुरू किया है।
क्या है बीएलओ का विरोध?
हालांकि, कई बीएलओ ने शिकायत की कि प्रशिक्षण सत्रों के दौरान प्रशासनिक और सुरक्षा इंतजाम पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि उनके प्रशिक्षण और फील्डवर्क को आधिकारिक ड्यूटी के रूप में दर्ज किया जाए, ताकि स्कूलों में उन्हें अनुपस्थित न दिखाया जाए। शिक्षक जो बीएलओ के रूप में ड्यूटी कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि उनके स्कूलों में उन्हें अनुपस्थित चिह्नित किया जा रहा है, जबकि वे चुनाव आयोग के काम में लगे हुए हैं। उनका कहना है कि बीएलओ के रूप में किया गया कार्य ऑन ड्यूटी माना जाए।
इसी तरह दुर्गापुर के एसडीओ कार्यालय में भी बीएलओ ने सामूहिक रूप से विरोध जताया। एक शिक्षक ने कहा, ‘आज जो फॉर्म हमें दिया गया, उसमें बीएलओ प्रशिक्षण का कोई आधिकारिक उल्लेख नहीं है। पहले के प्रशिक्षण में हमें प्रमाणपत्र दिया जाता था। हम वही व्यवस्था फिर से चाहते हैं।’ एक अन्य बीएलओ ने कहा, ‘हम काम करने को तैयार हैं, लेकिन हमें सही दस्तावेज़ और सुरक्षा चाहिए। बिना इनके हम आगे नहीं बढ़ सकते।’
सुरक्षा पर आयोग का रुख
आयोग के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि प्रशिक्षण अवधि में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं की जाएगी। राज्य प्रशासन को ही बीएलओ की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। आयोग ने बड़े बूथों में दो बीएलओ तैनात करने के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया।
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बीते दिन तीन हजार ईआरओ को दिया गया प्रशिक्षण
इससे पहले शुक्रवार को आयोग ने राज्यभर में 3,000 से अधिक चुनाव निबंधन अधिकारी (ईआरओ), सहायक ईआरओ और जिला चुनाव अधिकारी (डीईओ)का प्रशिक्षण आयोजित किया था। अब जिला चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बीएलए का प्रशिक्षण 3 नवम्बर तक पूरा किया जाए। यदि किसी राजनीतिक दल की तरफ से नाम बाद में भेजे जाते हैं, तो उनके लिए अलग प्रशिक्षण सत्र बाद में आयोजित किए जाएंगे।