West Bengal Tmc Claims Migrant Worker Bimal Santra Died Due To Fear Of The Sir News In Hindi – Amar Ujala Hindi News Live – Wb Ec Sir Row:तृणमूल का दावा


पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर आरोप-प्रत्यारोप अपने चरम पर है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शनिवार रात दावा किया कि राज्य के पूर्व बर्धमान जिले के एक और व्यक्ति की मौत एसआईआर से डरने के कारण हुई। टीएमसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि यह व्यक्ति बिमल संत्रा थे, जो नबग्राम गांव, जमालपुर इलाके के रहने वाले एक प्रवासी मजदूर थे। पार्टी ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एक और कीमती जीवन भाजपा की डर और नफरत की राजनीति की भेंट चढ़ गया। हालांकि उन्होंने मौत के हालात या पुलिस पुष्टि के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।

इन सभी दावों के साथ टीएमसी ने यह भी कहा कि बिमल संत्रा की मौत भी एसआईआर से उत्पन्न डर की वजह से हुई। पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि यह अभ्यास लोगों को डराने और परेशान करने के लिए किया जा रहा है, जिससे लोग अपनी नागरिकता और अस्तित्व पर सवाल उठाने लगते हैं।

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पार्टी ने कुछ हालिया घटनाक्रम का दिया हवाला


इसके साथ ही पोस्ट में टीएमसी ने इन दावों से संबंधित हाल के कुछ घटनाक्रमों का भी जिक्र किया। पार्टी ने दावा किया कि इससे पहले 57 साल के प्रदीप कार (पानीहाट) ने आत्महत्या की और अपने नोट में एनआरसी का हवाला दिया। इसी क्रम में एक और दावा सामने आया था जब कूच बिहार के दिनहटा के जितपुर के रहने वाले एक 63 साल के व्यक्ति ने एसआईआर के डर से आत्महत्या करने की कोशिश की थी।

पार्टी ने इसके अलावा पश्चिम मिदानपुर के एक घटना का भी हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया था कोटवाली कि एक 95 साल के खितिश माजूमदार ने इलाम्बजार, बिर्भुम में अपनी बेटी के साथ रहते हुए अपनी जिंदगी खत्म कर ली।

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बिमल संत्रा के परिवार का दावा

बता दें कि बिमल संत्रा के परिवार के अनुसार, वह नौकरी न मिलने की वजह से तमिलनाडु चले गए थे। स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में उनकी मौत हो गई। उनके बेटे ने कहा कि मेरे पिता बहुत तनाव में थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हमने अपने विधायक से संपर्क किया, जिन्होंने इस संकट में हमारी काफी मदद की।

वहीं स्थानीय विधायक अशोक माझी ने कहा कि लोग बेरोजगार थे क्योंकि 100-दिन की काम योजना यहां लागू नहीं थी। बिमल संत्रा भी तमिलनाडु काम करने गए। लेकिन मुझे परिवार से बताया गया कि वह एसआईआर के डर से बहुत परेशान थे और अंततः उनकी मौत हुई। यह बहुत दुखद है।



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