कुछ महीने पहले तक सोशल मीडिया और क्रिकेट जगत में चर्चा थी कि क्या टेस्ट और टी20 से संन्यास ले चुके रोहित शर्मा और विराट कोहली अभी भी भारत की वनडे टीम में फिट बैठते हैं? न तो ये दोनों घरेलू टूर्नामेंट्स खेलते हैं और न ही 2027 वनडे विश्व कप को लेकर कमिटमेंट दे पा रहे हैं। ऐसे में बीसीसीआई और चयनकर्ताओं ने रोहित और कोहली के भविष्य पर बात करने के लिए मीटिंग तक बुला ली। बात हुई कि क्या नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को मौका देने के लिए इन दोनों लेजेंड्स को किनारे किया जाना चाहिए? लेकिन पिछले दो सीरीज ने ये साफ कर दिया है कि क्लास कभी आउटडेटेड नहीं होती और अनुभव पर शक करना विश्व क्रिकेट की सबसे बड़ी गलती होती है।

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रोहित-कोहली
– फोटो : PTI
ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर रोहित शर्मा का जलवा
ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर रनों की बारिश करना हमेशा चुनौती माना जाता है। उछाल, गति और विदेशी परिस्थितियां बल्लेबाजों की असली परीक्षा लेती हैं, लेकिन रोहित शर्मा ने अपनी शांत बल्लेबाजी और शानदार टाइमिंग से सब कुछ आसान बना दिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों में रोहित शर्मा ने 202 रन बनाए और औसत 101 का रहा। नतीजा? उन्हें सीरीज का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। उनकी बल्लेबाजी में वही पुराना आत्मविश्वास और लय दिखी जिसने उन्हें पहले भी एक बड़ा मैच विजेता बनाया है।
इस दौरे पर रोहित ने पहले वनडे में आठ रन बनाए, लेकिन इसके बाद उनका बल्ला बोला। उन्होंने एडिलेड में दूसरे वनडे में 97 गेंद में 73 रन की पारी खेली। इस पारी में सात चौके और दो छक्के शामिल थे। इसके बाद सिडनी में तीसरे वनडे में रोहित ने 125 गेंद में 13 चौके और तीन छक्के की मदद से 121 रन की नाबाद पारी खेली। उनका फॉर्म दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में भी जारी रहा। भले ही वह इस सीरीज में कोई शतक नहीं लगा सके, लेकिन तीन मैचों में 48.67 की औसत के साथ 146 रन बनाकर वह सीरीज में चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे।

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दक्षिण अफ्रीका में कोहली की बादशाहत
भारत लौटते ही मंच बदला, गेंदबाज बदले, लेकिन विराट कोहली का अंदाज वही रहा। शांत, सचेत और फिर अचानक विस्फोटक। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन पारियों में कोहली ने 302 रन बनाए। इस दौरान उनका औसत 151 का रहा। इन पारियों के साथ आई एक उपलब्धि। कोहली ने सीरीज के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार जीता। यह सिर्फ रन नहीं थे, यह एक याद दिलाना था कि कोहली सिर्फ खिलाड़ी नहीं, क्रिकेट के असली किंग हैं।
किंग कोहली का फॉर्म ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ही वापस आ गया था। उनका कमबैक जबरदस्त रहा। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शुरुआती दो वनडे में वह खाता नहीं खोल पाए तो आलोचकों की जुबान और तेज हो गई कि अब समय आ चुका है। हालांकि, इसके बाद तीसरे वनडे में उन्हों रोहित के साथ मिलकर मैच जिताया। कोहली ने 81 गेंद में सात चौके की मदद से नाबाद 74 रन की पारी खेली। इसके बाद सबकुछ बदल गया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में 135 रन और फिर दूसरे वनडे में 102 रन ने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया। तीसरे वनडे में लक्ष्य कम था, वरना वह वहां भी शतक लगा ही देते। वह 45 गेंद में छह चौके और तीन छक्कों की मदद से 65 रन बनाकर नाबाद दिखे। कोहली इतने अच्छे टच में काफी समय बाद दिखे हैं और उनका तीसरे वनडे में नो लुक शॉट तो चर्चा का विषय बन गया।

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रिकॉर्ड जिसने आलोचकों को खामोश कर दिया
कोहली ने इस सफलता के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 22 बार सीरीज के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड हासिल किया। इससे पहले यह उपलब्धि सचिन तेंदुलकर के पास थी, जिन्होंने 20 बार यह सम्मान पाया था। जैसे-जैसे ये आंकड़े सामने आए, सोशल मीडिया पर सवालों की जगह तालियों ने ले ली।

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रोहित-कोहली कैसे बना रहे हैं 2027 वर्ल्ड कप की राह?
हमने हमेशा रोहित को एक ज़्यादा रिलैक्स्ड खिलाड़ी के तौर पर देखा है, जबकि कोहली हमेशा एक फोकस्ड मशीन जैसे रहे हैं। जैसे ही ये अफवाहें फैलनी शुरू हुईं कि उन्हें वर्ल्ड कप योजनाओं में वापस जगह बनाने के लिए खुद को साबित करना पड़ेगा, कुछ बदल सा गया। कोहली और रोहित कभी भी उस नई पीढ़ी की तरह नहीं रहे जो एक साथ घूमती-फिरती या समय बिताती है, लेकिन अचानक उनके तरीकों में समानता दिखाई देने लगी। कोहली लंदन में रुके और रोहित मुंबई में, लेकिन दूरी के बावजूद ऐसा लगा जैसे दोनों ने ट्रेनिंग पर चर्चा करने के लिए कुछ वीडियो कॉल्स जरूर की होंगी। ऑस्ट्रेलिया के बाद दक्षिण अफ्रीका से सीरीज में दोनों की जुगलबंदी और मस्ती मजाक का वीडियो देखने लायक था। रोहित ने काफी वजन कम किया और कई वर्षों में पहली बार वह अपनी बेहतरीन शारीरिक अवस्था में नजर आए।
कोहली को कभी फिटनेस की समस्या नहीं रही। वह हमेशा मैच रेडी दिखते हैं, चाहे उन्हें सोकर उठते ही बैटिंग के लिए भेज दिया जाए, लेकिन इस बार चर्चा उनके वनडे अग्रेशन की रही। संकेत दक्षिण अफ्रीका सीरीज में दिख रहे थे, जब कोहली बार-बार आसानी से छक्के मार रहे थे। वहीं रोहित की फिटनेस अपने चरम पर रही। फुल-लेंथ डाइव्स, बाउंड्री रोकना और शानदार कैच लेना और शायद सबसे दिलचस्प पल था जब सीरीज जीतने के बाद रोहित ने केक खाने से इंकार किया और कोहली को कैलोरी लेने दी। दोनों खिलाड़ी अपनी कीमत जानते हैं, लेकिन फिर भी वे घरेलू क्रिकेट की मेहनत में वापस जा रहे हैं, ताकि दिखा सकें कि वे आने वाली किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं।