भारत और इस्राइल के रिश्तों को और मजबूती देने की दिशा में बड़ा कूटनीतिक कदम सामने आया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को यरूशलम में इस्राइल के अर्थव्यवस्था और उद्योग मंत्री निर बरकात से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच निवेश, नवाचार और व्यापारिक सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई। जयशंकर ने भरोसा जताया कि भारत-इस्राइल मुक्त व्यापार समझौता जल्द पूरा होगा, जिससे आर्थिक साझेदारी को नई गति मिलेगी।
दो दिन के इस्राइल दौरे पर पहुंचे जयशंकर ने देश के शीर्ष नेतृत्व से भी बातचीत की। उन्होंने इस्राइल के विदेश मंत्री गिडियन साअर, राष्ट्रपति इसहाक हरजोग और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की। यह यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब प्रधानमंत्री नेतन्याहू के प्रस्तावित भारत दौरे की तैयारियां चल रही हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेतन्याहू के बीच फोन पर बातचीत हुई थी, जिसके बाद इस्राइली प्रधानमंत्री ने जल्द मुलाकात का संकेत दिया था।
एफटीए से निवेश और नवाचार को बढ़ावा
जयशंकर ने निर बरकात के साथ बैठक के बाद कहा कि दोनों देशों ने निवेश और नवाचार सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि भारत-इस्राइल मुक्त व्यापार समझौता जल्द पूरा होने से आर्थिक साझेदारी को बड़ा लाभ मिलेगा। दोनों देश तकनीक, स्टार्टअप, उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में एक-दूसरे के पूरक हैं और इसका लाभ उठाने की जरूरत है।
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आतंकवाद पर भारत-इस्राइल की सख्त नीति
जयशंकर ने सिडनी के बॉन्डी बीच पर हनुक्का समारोह के दौरान हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि भारत और इस्राइल दोनों ही आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हैं। जयशंकर ने इस्राइल को भारत के आतंकवाद विरोधी संघर्ष में लगातार समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के हर रूप और स्वरूप के खिलाफ दोनों देश एकजुट हैं।
नेतन्याहू से भी की मुलाकात
इस दौरान जयशंकर ने इस्राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से भी मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट किया। यहां उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नेतन्याहू को गर्मजोशी भरी शुभकामनाएं दी। बैठक में तकनीक, अर्थव्यवस्था, कौशल और प्रतिभा, संपर्क तथा सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग और मजबूत करने पर चर्चा हुई। क्षेत्रीय और वैश्विक हालात पर नेतन्याहू के विचारों को अहम बताया गया। बयान में भरोसा जताया गया कि भारत-इस्राइल रणनीतिक साझेदारी आने वाले समय में और मजबूत होगी।
Deeply appreciate the call on Prime Minister Israel @netanyahu in Jerusalem this evening. Extended warm wishes of PM @narendramodi.
Discussed deepening cooperation in technology, economy, skills and talent, connectivity and security.
Valued his perspectives on regional and… pic.twitter.com/pjIqujXIrA
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 16, 2025
रणनीतिक साझेदारी और क्षेत्रीय शांति
विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत-इस्राइल रणनीतिक साझेदारी काफी मजबूत हुई है। इसमें सरकार से सरकार, कारोबार से कारोबार और लोगों से लोगों के बीच संपर्क शामिल है। जयशंकर ने गाजा शांति योजना के प्रति भारत के समर्थन को दोहराया और उम्मीद जताई कि इससे क्षेत्र में स्थायी और टिकाऊ शांति का रास्ता खुलेगा।
उच्चस्तरीय दौरे और बढ़ता सहयोग
जयशंकर का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब दोनों देशों के बीच लगातार उच्चस्तरीय आदान-प्रदान हो रहा है। इस साल इस्राइल के कई मंत्री भारत आ चुके हैं। हाल ही में दोनों देशों ने द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर किए और प्रस्तावित एफटीए के लिए नियम तय किए गए। रक्षा क्षेत्र में भी दोनों देशों ने उन्नत तकनीक साझा करने और सह-विकास पर अहम समझौता किया है।
जयशंकर इससे पहले अबू धाबी में सर बनी यास फोरम में शामिल हुए थे और भारत-यूएई संयुक्त आयोग की बैठक में भी भाग लिया था। इस्राइल दौरे के बाद उनके कार्यक्रम से साफ है कि भारत पश्चिम एशिया में अपने रणनीतिक और आर्थिक रिश्तों को और गहराई देना चाहता है। भारत-इस्राइल साझेदारी आने वाले समय में व्यापार, सुरक्षा और तकनीक के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की दिशा में बढ़ रही है।
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