जयपुर में आयोजित कांग्रेस की रैली को लेकर अब भीड़ जुटाने और मजदूरी भुगतान न होने का मामला सामने आया है। अरावली बचाओ अभियान के तहत 26 दिसंबर को एनएसयूआई की ओर से निकाली गई पैदल यात्रा के बाद यह विवाद सामने आया, जिसमें सचिन पायलट सहित कई जनप्रतिनिधि शामिल हुए थे।
मजदूरों के आरोप और शिकायत
चूरू जिले के सुजानगढ़ से आए 19 मजदूरों का आरोप है कि उन्हें रैली में शामिल होने के लिए जयपुर लाया गया था। प्रति व्यक्ति 500 रुपये मजदूरी और भोजन देने का आश्वासन दिया गया, लेकिन न तो खाने की व्यवस्था हुई और न ही मजदूरी का भुगतान किया गया। मजदूरों के अनुसार, पूरे दिन रैली में रहने के बाद रात को उन्हें वापस छोड़ दिया गया।
थाने में दर्ज कराई शिकायत
मजदूरों का कहना है कि भुगतान की मांग करने पर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष संजय कंताला से संपर्क नहीं हो पाया। कई प्रयासों के बावजूद समाधान नहीं मिलने पर उन्होंने सुजानगढ़ थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई और तीन दिन की मजदूरी भुगतान की मांग की है।
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संगठन की प्रतिक्रिया और जांच की बात
एनएसयूआई प्रभारी राहुल भाकर ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है और जांच कराई जा रही है। आरोप सही पाए जाने पर संगठनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, संजय कंताला से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन बंद मिला।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
दूसरी ओर, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया ने इस पूरे मामले को भारतीय जनता पार्टी की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई का धरना पूरी तरह सफल रहा, जिसे भाजपा पचा नहीं पा रही है। हालांकि जब उनसे आरोपों के प्रमाण मांगे गए तो उन्होंने स्वीकार किया कि उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन फिर भी उन्होंने इसे भाजपा की साजिश करार दिया।