वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का दमदार ट्रायल:180 Km प्रति घंटे की रफ्तार में भी नहीं छलका पानी, जल्द दिखेगी पटरी पर – Vande Bharat Sleeper Tested Train Touched 180 Kmph Speeds


भारतीय रेलवे ने हाई-स्पीड ट्रेनों की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। नई वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने ट्रायल रन के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार पकड़कर इतिहास रच दिया। यह सफल परीक्षण सवाई माधोपुर-कोटा-नागदा सेक्शन पर किया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। रेल मंत्री इसे न्यू जनरेशन ट्रेन बताते हुए भारतीय रेलवे के लिए बड़ा कदम बताया है।

रेल मंत्री ने साझा किया वीडियो

मंगलवार शाम रेल मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि रेल सुरक्षा आयुक्त की निगरानी में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का परीक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि कोटा–नागदा खंड पर 180 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ती यह ट्रेन भारत में विकसित नई पीढ़ी की रेल तकनीक की ताकत को दर्शाती है। इस ट्रायल ने न सिर्फ ट्रेन की गति क्षमता को साबित किया, बल्कि इसके आधुनिक डिजाइन और सुरक्षा मानकों पर भी मुहर लगा दी है।

रेल मंत्री द्वारा शेयर किए गए वीडियो में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की तकनीकी मजबूती साफ नजर आती है। ट्रायल रन के दौरान जब ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पटरियों पर दौड़ रही थी, उसी समय केबिन में मौजूद एक कर्मचारी वीडियो रिकॉर्ड करता दिखाई देता है। वीडियो में ट्रेन के केबिन के अंदर स्पीडोमीटर के ठीक सामने चार गिलास पानी से भरे रखे हुए नजर आते हैं।

 


इसमे सबसे अहम बात यह है कि इतनी तेज रफ्तार के बावजूद किसी भी गिलास से पानी की एक भी बूंद नहीं छलकी। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि स्पीडोमीटर 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड दिखा रहा है, फिर भी ट्रेन पूरी तरह स्थिर और संतुलित नजर आती है। यह दृश्य वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की उन्नत तकनीक, बेहतर सस्पेंशन सिस्टम और स्मूद रनिंग क्षमता को दर्शाता है, जिसे यात्रियों के लिए अधिक सुरक्षित और आरामदायक बनाया गया है।

 

इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि ट्रेन के केबिन में लगे स्पीडोमीटर की रेंज 0 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक है। रिकॉर्डिंग के दौरान स्पीड का कांटा सीधे 180 किमी प्रति घंटे पर टिके हुए नजर आता है। खास बात यह है कि इतनी तेज रफ्तार पर भी ट्रेन के भीतर रखे पानी से भरे तीनों गिलास बिल्कुल स्थिर बने रहते हैं और उनमें किसी तरह की हलचल नहीं दिखती। करीब 24 सेकंड का यह वीडियो क्लिप रेल मंत्री ने भी शेयर किया है।



ये भी पढ़ें: Budget 2026: ‘बजट तैयार करने की प्रक्रिया 2047 के विजन से जुड़ी रहे’, अर्थशास्त्रियों संग बैठक में बोले पीएम

सभी मानकों पर खरी उतरी ट्रेन


वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन का कहना है कि यह ट्रायल वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के भविष्य के संचालन की दिशा में एक बड़ी तकनीकी सफलता है। इस परीक्षण ने ट्रेन की क्षमता और विश्वसनीयता को साबित किया है। यह उपलब्धि भारतीय रेलवे की स्वदेशी तकनीक, आधुनिक इंजीनियरिंग और आत्मनिर्भर भारत की सोच को मजबूती से सामने रखती है।

इस ट्रेन के ट्रायल रन के दौरान ट्रेन की रफ्तार, सुरक्षा मानकों और राइड क्वालिटी की बारीकी से जांच की गई। यह पूरा परीक्षण मुख्य आयुक्त रेल संरक्षा जनक कुमार गर्ग की निगरानी में संपन्न हुआ। सफल ट्रायल के बाद अब यह वंदे भारत स्लीपर रेक यात्रियों के सफर के लिए उपलब्ध हो सकेंगी।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में कुल 16 कोच होंगे, जिनमें स्लीपर और एसी दोनों श्रेणियों के कोच शामिल रहेंगे। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इनमें आरामदायक बर्थ की व्यवस्था की गई है। सेमी हाई-स्पीड ट्रेन होने के कारण इसमें अपग्रेडेड सस्पेंशन सिस्टम लगाया गया है, जिससे यात्रा के दौरान झटके और कंपन काफी कम महसूस होंगे। खासतौर पर स्लीपर कोच में सफर करते समय यात्रियों को बेहतर आराम मिलेगा, चाहे ट्रेन तेज रफ्तार से ही क्यों न चल रही हो।

इसके साथ ही ट्रेन में ऑटोमैटिक दरवाजे, आधुनिक टॉयलेट सिस्टम, फायर सेफ्टी उपकरण, सीसीटीवी निगरानी और डिजिटल पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं दी गई हैं। रेलवे का कहना है कि वंदे भारत स्लीपर यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक और अंतरराष्ट्रीय स्तर का यात्रा अनुभव प्रदान करेगी।







Source link