राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय जयपुर में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में वाहन स्वामियों से जुड़ा अहम निर्णय लिया गया। बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने प्रेसवार्ता में बताया कि बजट वर्ष 2025-26 की घोषणा की अनुपालना में राजस्थान वाहन स्क्रैपिंग नीति-2025 को मंजूरी दी गई है, जिसका सीधा लाभ नए साल 2026 में नए वाहन खरीदने वालों को मिलेगा।
पुराने और प्रदूषणकारी वाहनों को हटाने पर फोकस
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नीति प्रदेश में सड़क पर चलने में अयोग्य और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध रूप से हटाने के उद्देश्य से लाई गई है। इसके तहत वाहनों को वैज्ञानिक, सुरक्षित और पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप नष्ट किया जाएगा। नीति में राज्य में रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटीज की स्थापना को बढ़ावा देने का प्रावधान है, जिससे स्क्रैपिंग प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, डिजिटल और ट्रेस योग्य होगी।
डिजिटल व्यवस्था से खत्म होगी अनधिकृत उपयोग की आशंका
नीति के अंतर्गत सभी स्क्रैपिंग प्रक्रियाएं वाहन पोर्टल से एकीकृत होंगी। इससे स्क्रैप योग्य वाहनों के अनधिकृत उपयोग की संभावना समाप्त होगी और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रिकॉर्ड में दर्ज रहेगी। वाहन स्वामियों को अधिकृत स्क्रैप सेंटर से सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट और सर्टिफिकेट ऑफ व्हीकल स्क्रैपिंग जारी किए जाएंगे, जिन्हें वाहन पोर्टल पर भी डिजिटली अपलोड किया जाएगा।
नए वाहन की खरीद पर मोटर वाहन कर में छूट
प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि 15 वर्ष से अधिक पुराने सरकारी वाहन, फिटनेस या पंजीकरण रहित वाहन, दुर्घटनाग्रस्त और क्षतिग्रस्त वाहन, नीलामी में खरीदे गए कबाड़ वाहन, अनुपयोगी वाहन या स्वेच्छा से स्क्रैपिंग फैसिलिटी को सौंपे गए वाहन इस नीति के तहत स्क्रैप किए जा सकेंगे। सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट के आधार पर नए वाहन की खरीद पर मोटर वाहन कर में 50 प्रतिशत तक, अधिकतम एक लाख रुपये की छूट मिलेगी।
दरअसल, सरकार द्वारा आज मंत्री परिषद एवं कैबिनेट की बैठक में स्क्रैपनीति को पास किया गया है जिसके तहत 15 साल पुरानी गाडियां अगर कोई व्यक्ति स्क्रैप में देता है तो उसको स्क्रैप की कीमत के अनुसार कीमत मिलेगी। साथ ही इस नीति को प्रमोट करने के लिए सरकार नई गाड़ी खरीदने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क में पचास पर्सेंट या एक लाख रुपये तक की छूट देगी। प्रदेश में स्क्रैप नीति को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा उठाया गया ये एक कदम है, परंतु प्रदेश में भरतपुर अलवर एवं एनसीआर रेंज को छोड़कर सभी जिलों में पन्द्रह साल बाद के गाड़ी के रजिस्ट्रेशन रिन्यू की नीति भी लागू रहेगी।
यह स्क्रैप नीति वैसे ही काम करेगी जिस प्रकार से भारत सरकार ने लोगों से आह्वान किया था कि वो अपनी गैस सिलेंडर सब्सिडी छोड़ दें एवं प्रदेश सरकार ने संपन्न लोगों से राशन कार्ड छोड़ने का आह्वान किया था, जिसके तहत सैकड़ों लोगों ने अपने गैस सिलेंडर एवं राशन कार्ड को स्वायच्छा से खत्म किया था। चूंकि गाड़ी एक ऐसा उत्पाद है जिस पर व्यक्ति का लाखों रुपये का व्यय हो रखा है, इसलिए सरकार ने स्क्रैप नीति में स्वेच्छा से पंद्रह साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने वालों के लिए ये इंसेंटिव स्कीम लागू की है।
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चेसिस नंबर की दो वर्ष तक सुरक्षित कस्टडी
नीति में स्क्रैप किए गए वाहनों के चैसिस नंबर की सुरक्षा को लेकर भी स्पष्ट व्यवस्था की गई है। रजिस्टर्ड स्क्रैपर चेसिस नंबर के कट पीस को सर्टिफिकेट ऑफ व्हीकल स्क्रैपिंग जारी होने की तारीख से छह माह तक अपने पास सेफ कस्टडी में रखेंगे। इसके बाद इसे संबंधित जिला परिवहन अधिकारी को सौंपा जाएगा, जहां यह 18 माह तक सुरक्षित रखा जाएगा।
सर्कुलर इकॉनॉमी और उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
राजस्थान वाहन स्क्रैपिंग नीति-2025 से सर्कुलर इकॉनॉमी को मजबूती मिलने की उम्मीद जताई गई है। स्क्रैपिंग से प्राप्त स्टील, एल्युमिनियम, प्लास्टिक, रबर और अन्य सामग्री का पुनः उपयोग संभव होगा, जिससे ऑटोमोबाइल, स्टील और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को सस्ती कच्ची सामग्री उपलब्ध हो सकेगी।
स्क्रैपिंग यूनिट्स के लिए निवेश प्रोत्साहन
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि निवेश आकर्षित करने के लिए पंजीकृत स्क्रैपिंग यूनिट्स को विशेष रियायतें दी जाएंगी। इनमें प्रारंभिक 20 इकाइयों को पूंजी निवेश पर सब्सिडी, राज्य कर में छूट, ब्याज अनुदान, स्टाम्प ड्यूटी और विद्युत शुल्क में रियायत शामिल है। इसके साथ ही रिसाइक्लिंग और स्क्रैपिंग से जुड़े स्टार्टअप्स को राजस्थान स्टार्टअप पॉलिसी के अंतर्गत समर्थन देने का प्रावधान किया गया है।