Aaj Ka Shabd Aahlad Pushpita Awasthi Best Poem Tumhari Aankhen Chhut Gai Hain Meri Aankhon Men – Amar Ujala Kavya – आज का शब्द:आह्लाद और पुष्पिता अवस्थी की कविता


‘हिंदी हैं हम’ शब्द शृंखला में आज का शब्द है- आह्लाद, जिसका अर्थ है- आनंद, खुशी, हर्ष। प्रस्तुत है पुष्पिता अवस्थी की कविता- तुम्हारी आँखें छूट गई हैं मेरी आँखों में

तुम्हारी आँखें


छूट गई हैं मेरी आँखों में


तुम्हारे शब्द


मेरे कान में।

तुम्हारी साँसों के घर में


घर बनाया है मेरी साँसों ने


तुम्हारे अधर में


धरे हैं मेरी चाहतों के संकल्प


तुम्हारे स्पर्श में


छूट गई है एक खिली हुई ऋतु


तुम्हारे


प्रणय वृक्ष का प्रणय-बीज


मन-पड़ाव का आधार


एकान्त का सहचर।

स्मृति निवासी


तुम्हारी छूती हुई परछाईं


हर क्षण


छूती और पकड़ती है


पूर्णिमा की चाँदनी की तरह


पराग के सुगन्ध की तरह।

तुम्हारा आनंदास्वाद


छूट गया है मेरे आह्लाद-कक्ष में


महुए की तरह शेष


तुम मुझमें सेमल की तरह कोमलाकर


मन-भीतर रचते हो


एक रेशमी कोना


अपने नाम और अपनेपन के लिए


स्वात्म सिद्धि के लिए


जो तुम्हारी हथेलियों में


बसी रेखाओं की तरह है अमिट


और जीवनदायी।

तुम्हारी हथेली की


रेखाओं की पगडंडी में


चलती हैं मेरी हथेली की रेखाएँ


एक हो जाती हैं वे मन की तरह

अपने खुशी के मौकों में


तुम्हारी हथेली को खोजती है


मेरी हथेली सुख की ताली के लिए

तुम्हारी हथेली की स्मृति में


तरल होती है मेरी हथेली


और महसूस करती है


अन्तःसलिला का प्रवाह

तुम्हारी तस्वीर में


बसी हँसी को


चूमकर


आँखें बीनती हैं


सुख के पारिजात


श्रीकृष्ण की उपासना


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