असम विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने रफ्तार बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने संकेत दिया है कि पार्टी आगामी चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची फरवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में जारी कर सकती है। उन्होंने यह जानकारी बरपेटा जिले में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में दी।
सीएम सरमा ने बताया कि इससे पहले जनवरी 15 तक भाजपा अपने मौजूदा एनडीए सहयोगियों असम गण परिषद और अन्य छोटे क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन को औपचारिक रूप दे सकती है। उन्होंने कहा हम फरवरी के पहले या दूसरे हफ्ते में उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे।
मार्च-अप्रैल में हो सकते हैं चुनाव
126 सदस्यीय असम विधानसभा के चुनाव अगले साल मार्च-अप्रैल में होने की संभावना है। इसे देखते हुए भाजपा और उसके सहयोगी दल जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि उनका नया साल का संकल्प चुनाव जीतना है। सरमा ने कहा हम निश्चित रूप से चुनाव जीतेंगे और पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे। नए साल में हम जनता का आशीर्वाद मांगेंगे, ताकि असम में फिर से भाजपा सरकार बने।
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एनडीए में मजबूत स्थिति
वर्तमान में असम विधानसभा में भाजपा के पास 64 विधायक हैं। उसके सहयोगी दलों में एजीपी के 9, यूपीपीएल के 7 और बीपीएफ के 3 विधायक हैं। इसके अलावा आरएचजेएसएस और जनशक्ति पार्टी भी राज्य में एनडीए का हिस्सा हैं। वहीं, विपक्षी खेमे में कांग्रेस के 26, एआईयूडीएफ के 15 और सीपीआई(एम) का एक विधायक है, जबकि एक निर्दलीय सदस्य भी सदन में मौजूद है।
5-6 सीटों पर भाजपा की दावेदारी
मुख्यमंत्री के मुताबिक, बोडोलैंड क्षेत्र की 15 सीटों में से भाजपा के पास 5-6 सीटों पर सीधे चुनाव लड़ने का अनुकूल माहौल है। हालांकि, अंतिम फैसला सहयोगी दलों से बातचीत के बाद लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक मजबूती के आधार पर भाजपा को वहां अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।
बोडोलैंड क्षेत्र में गठबंधन पर असमंजस
बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन में भाजपा के गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसपुर में सभी सहयोगी दल एक साथ हैं, लेकिन बोडोलैंड में स्थिति थोड़ी अलग है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा के यूपीपीएल और बीपीएफ दोनों से अच्छे संबंध हैं, लेकिन इन दोनों क्षेत्रीय दलों के बीच आपसी गठबंधन नहीं है। सरमा ने कहा चुनाव को लेकर हमें स्थिति का आकलन करना होगा और बातचीत के जरिए समाधान निकालेंगे।
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