बिहार विधानसभा चुनाव में मढ़ौरा (निर्वाचन क्षेत्र संख्या- 117) से राजनीतिक समीकरणों में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 26 वर्षीय निर्दलीय प्रत्याशी अंकित कुमार को आधिकारिक तौर पर समर्थन देने की घोषणा कर चुनाव में खलबली मचा दी है। शनिवार को एनडीए के घटक दलों की संयुक्त प्रेस वार्ता में इस निर्णय की आधिकारिक रूप से घोषणा की गई है। हालांकि राजनीतिक समीकरण के तहत एनडीए का यह फैसला पूरी तरह से चुनाव को लेकर किया गया है, क्योंकि मढ़ौरा विधानसभा सीट से लोजपा (रामविलास) की अधिकृत प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन पत्र रद्द हो जाने के बाद एनडीए इस सीट पर बिना प्रत्याशी के रह गया था। लेकिन इस कारण क्षेत्र में राजद और जन सुराज सहित कई अन्य विपक्षी दलों को बढ़त मिलती दिख रही थी। लेकिन अब निर्दलीय प्रत्याशी सह सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान रखने वाले अंकित कुमार को समर्थन देकर एनडीए ने मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की भरपूर कोशिश की है।
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सारण जिले के मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगरा प्रखंड और खैरा थाना क्षेत्र के बलडीहा खोदाईबाग निवासी मुन्ना बाबू के पुत्र अंकित कुमार ने कुछ दिन पहले निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था। सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहने वाले अंकित वैश्य समाज से आते हैं। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर अपने गांव और आसपास के इलाकों में लगातार पहल की है। स्थानीय लोगों के बीच एक युवा, ऊर्जावान और ईमानदार चेहरे के रूप में उभरे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कदम मढ़ौरा में चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बना सकता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए के समर्थन से अंकित कुमार किस हद तक मतदाताओं को प्रभावित कर पाते हैं। हालांकि विपक्षी दलों के प्रत्याशियों के लिए यह नया समीकरण कितना चुनौतीपूर्ण साबित होता है।
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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन देने के सवाल पर अंकित कुमार ने खुशी जताते हुए कहा कि गांव सहित मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र की जनता का सेवक बनकर काम करना चाहता हूं। क्योंकि क्षेत्र का विकास, शिक्षा, रोजगार और गांवों में मूलभूत बुनियादी सुविधाएं पहली प्राथमिकताओं में शामिल हैं। मालूम हो कि आगामी 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छपरा दौरा प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री की इस सभा से पहले एनडीए का यह निर्णय राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि शीर्ष नेतृत्व चाहता था कि मढ़ौरा सीट पर एनडीए का झंडा बुलंद रहे, ताकि मोदी की सभा का सीधा असर इस क्षेत्र के मतदाताओं पर पड़े।