ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में पुलिस द्वारा की गई बड़ी छापेमारी में अब तक 119 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। यह संख्या पहले बताए गए 64 मृतकों से लगभग दोगुनी है। यह कार्रवाई ड्रग तस्करों के गिरोह कोमांडो वर्मेल्हो को खत्म करने के उद्देश्य से की गई थी, जो रियो का सबसे ताकतवर आपराधिक संगठन माना जाता है।
पुलिस ने बताया कि मारे गए लोगों में 115 संदिग्ध गैंग सदस्य और चार पुलिसकर्मी शामिल हैं। इस अभियान में करीब 2500 अधिकारी, बख्तरबंद वाहन, हेलीकॉप्टर और ड्रोन शामिल थे। कार्रवाई रियो के पेनहा कॉम्प्लेक्स और एलेमाओ कॉम्प्लेक्स के इलाकों में की गई।
स्थानीय लोगों ने की पुलिस पर मनमानी की शिकायत
स्थानीय निवासियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर बिना जांच गोली मारने और फर्जी मुठभेड़ों के आरोप लगाए हैं। 36 वर्षीय कार्यकर्ता राउल सैंटियागो ने कहा कई लोगों को सिर और पीठ में गोली मारी गई है। इसे सार्वजनिक सुरक्षा नहीं कहा जा सकता।
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राष्ट्रपति लूला ने जताया दुख
ब्राजील के न्याय मंत्री रिकाडो लेवांडोव्स्की ने बताया कि राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा इस घटना से हैरान और दुखी हैं। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी कार्रवाई संघीय अनुमति के बिना कैसे की गई, इसकी जांच होगी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस बलों को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का पालन करना चाहिए और सरकार को घटना की स्वतंत्र जांच करनी चाहिए।
गौरतलब है कि ब्राजील का रियो डी जनेरियो एक लोकप्रिय पर्यटन केंद्र के तौर पर जाना जाता है। हालांकि, नशीले पदार्थों की तस्करी की वजह से पुलिस की छापेमारी भी यहां आम है। इस क्षेत्र में कई गरीब बस्तियों में बड़ी आबादी बसी है। ऐसे में तस्करी की वजह से यह अपराध का भी एक नेटवर्क खड़ा हुआ है।
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रियो में दिखे ‘युद्ध जैसे’ हालात
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास उत्तरी रियो में गोलियों की आवाज गूंज रही थी, जबकि झड़पों के दौरान लगाई गई आग से घना धुआं उठ रहा था। दुकानें बंद होने और प्रमुख सड़कों पर यातायात ठप होने के कारण निवासी अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे। मौके पर मौजूद पत्रकारों ने युद्ध जैसे हालात का वर्णन किया, विला क्रुजेरो में पुलिस लगभग 20 युवा बंदियों की सुरक्षा कर रही थी, जो नंगे पांव और बिना कमीज़ के फुटपाथ पर सिर झुकाए बैठे थे।