हरियाणा के पुन्हाना उपमंडल के फलेंडी गांव में कैंसर जैसी घातक बीमारी लोगों की जिंदगी पर कहर बनकर टूट रही है। पिछले एक साल के भीतर गांव में दो दर्जन से अधिक लोग इस बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं। लगातार हो रही मौतों से गांव में दहशत का माहौल है। गांव में कोई न कोई व्यक्ति या तो कैंसर पीड़ित है या हाल ही में किसी को खो चुका है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ग्रामीणों की पीड़ा को और बढ़ा रही है।

2 of 10
फलेंडी गांव में कैंसर का कहर
– फोटो : अमर उजाला
कैंसर की यह काली छाया और फैल सकती है
गांव के लोगों का कहना है कि उन्होंने बार-बार स्वास्थ्य विभाग को मामले की जानकारी दी, लेकिन न तो गांव में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया और न ही किसी अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। ग्रामीणों ने अब इस मामले को जिला उपायुक्त के रात्रि ठहराव कार्यक्रम के दौरान उनके संज्ञान में लाया। जिस पर उपायुक्त ने जल्द ही गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजने और पानी की जांच कराने का आश्वासन दिया है। फ्लेंडी गांव की यह स्थिति न केवल प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि यह बताती है कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं कितनी उपेक्षित हैं। जब तक गांव में व्यापक स्वास्थ्य जांच और पर्यावरण परीक्षण नहीं कराए जाते, तब तक कैंसर की यह काली छाया और फैल सकती है।

3 of 10
फलेंडी गांव में कैंसर का कहर
– फोटो : अमर उजाला
गांव में दहशत का माहौल
फ्लेंडी गांव के लगभग हर मोहल्ले में कोई न कोई घर ऐसा है, जहां पिछले कुछ महीनों में किसी सदस्य की कैंसर से मौत हुई है। ग्रामीणों के अनुसार अब तक करीब 25 से 30 लोगों की मौत कैंसर से हो चुकी है, जबकि काफी लोग अभी भी बीमारी से जूझ रहे हैं। कुछ का इलाज गुरुग्राम, दिल्ली और जयपुर जैसे शहरों में चल रहा है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि पहले कभी ऐसी बीमारी नहीं थी, लेकिन पिछले तीन-चार वर्षों से कैंसर के मामले अचानक तेजी से बढ़ने लगे हैं। अगर पिछलें दो तीन वर्ष की बात करे तो कैंसर से अभी तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है।

4 of 10
फलेंडी गांव में कैंसर का कहर
– फोटो : अमर उजाला
दूषित पानी को बताया जा रहा मुख्य कारण
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पीने का पानी बेहद खराब गुणवत्ता का है। हैंडपंपों और नलों से निकलने वाला पानी इसका मुख्य कारण हो सकता है। ग्रामीणों के मुताबिक फलेंडी गांव गुडगांव कैनाल से सटा हुआ है। कैनाल का गंदा पानी नालियों और जमीन के जरिए भूजल में मिल रहा है। यही दूषित पानी बीमारी का सबसे बड़ा कारण हो सकता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार तत्काल गांव के पानी और मिट्टी की जांच कराए ताकि असल कारण का पता लगाया जा सके।

5 of 10
फलेंडी गांव में कैंसर का कहर
– फोटो : अमर उजाला
हर घर जल योजना से जुडा गांव, लेकिन पीने को पानी नहीं
जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा फलेंडी गांव को हर घर जल योजना से तो जोड़ दिया लेकिन गांव में पानी की सप्लाई शुरू नहीं की। गांव के लोग लंबे समय से पीने के पानी की मांग करते आ रहे है लेकिन जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रदेश सरकार की यह योजना केवल कागजों में चल रही है।