Darbhanga Bihar Election Result 2025 Depends On Bihar Politics – Amar Ujala Hindi News Live


बिहार विधानसभा चुनाव में दरभंगा जिले की 10 सीटों पर पहले चरण में 6 नवंबर को मतदान होना है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में प्रत्याशियों को लेकर इस बार सबसे ज्यादा प्रयोग करने वाली भारतीय जनता पार्टी यहां सबसे मजबूत रही है। इस बार उसका प्रयोग सफल रहेगा या महागठबंधन एनडीए के इस किले को ढाह देगा? जानते हैं, बिहार का दरभंगा जिला क्यों चर्चा में है और बिहार चुनाव में सभी 10 सीटों का समीकरण क्या है?

अलीनगर : मैथिली ठाकुर के प्रयोग के कारण सुर्खियों में

लोक गायिका मैथिली ठाकुर को भाजपा ने अलीनगर से उतारा है। नाम आते ही पार्टी के अंदर ही मैथिली का लगातार विरोध चल रहा है। सरकार के लिए यह सीट प्रतिष्ठा की सीट बन गई है। यही कारण है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मैथिली से जुड़ा पोस्ट शेयर किया था। यहां मतदाताओं की कुल संख्या 2 लाख 85 हजार 534 है। इनमें महिला मतदाता 1 लाख 49 हजार 252 हैं। पुरुष मतदाता 1, लाख 49 हजार 253 है। वहीं थर्डजेंडर 3 मतदाता हैं। यहां राजद ने बिनोद मिश्रा को फिर उतारा है। वह पिछली बार वीआईपी के मिश्री लाल यादव से 3101 मतों से हार गए थे। जन सुराज पार्टी और आम आदमी पार्टी ने भी यहां प्रत्याशी दिए हैं।

गौड़ाबौराम : महागठबंधन के दो प्रत्याशी एनडीए से लड़ रहे

इस सीट पर पिछली बार वीआईपी की स्वर्णा सिंह जीती थीं, जो भाजपा में आ गई थीं। यहां इस बार महागठबंधन के दो दलों में टकरावा है- वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के भाई संतोष सहनी और राजद के अफजल अली खान आमने-सामने हैं। एनडीए से विधायक स्वर्णा सिंह की जगह इस बार भाजपा के टिकट पर उनके पति सुजीत सिंह से है। सुजीत सिंह सेवानिवृत आईएएस अधिकारी हैं। यहां मतदाताओं की संख्या कुल 2 लाख 61 हजार 602 है। इनमें महिला मतदाता 1 लाख 23 हजार 625 हैं, जबकि पुरुष मतदाता 1, लाख 38 हजार 396 हैं। थर्डजेंडर 1 मतदाता हैं। यहां जन सुराज पार्टी ने डॉ. मो. इफ्तेखार आलम को उतारा है।

कुशेश्वरस्थान : महागठबंधन देगा निर्दलीय का साथा

जदयू के शशि भूषण हजारी ने 2020 में चुनाव जीता था। उनके निधन पर उप चुनाव हुआ तो यहां से जदयू के टिकट पर ही उनके बेटे अमन भूषण हजारी ने जीत दर्ज की। इस बार यहां से जदयू ने अतिरेक कुमार को उतारा है। अतिरेक का मुकाबला निर्दलीय गणेश भारती से है। अतिरेक कुमार पूर्व मंत्री अशोक राम के बेटे हैं और पहली बार राजनीति के मैदान में उतरे हैं। गणेश भारती राष्ट्रीय जनता दल के नेता थे और वीआईपी से नामांकन किया था। वह नामांकन सिम्बल की गड़बड़ी के कारण रद्द हो गया। निर्दलीय में उनका नामांकन स्वीकृत हुआ तो अब वह महागठबंधन  के बल पर उतरे हैं। जीतने के बाद राजद में रहेंगे या वीआईपी में, यह बाद में तय होगा। फिलहाल वह महागठबंधन समर्थित निर्दलीय हैं। यह इलाका नदियों से घिरा है। आवागमन बड़ी समस्या से जूझते इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 2 लाख 59हजार 799है। इनमें महिला मतदाता 1 लाख 23 हजार 435, जबकि पुरुष मतदाता 1 लाख 36 हजार 362है। थर्डजेंडर 2 मतदाता हैं। यहां जन सुराज और आप ने भी प्रत्याशी दिया है।

बेनीपुर : पिछले चुनाव की तरह मुकाबला, खेल में जन सुराज

2020 में जदयू के विनय कुमार चौधरी ने कांग्रेस उम्मीदवार मिथिलेश चौधरी को लोजपा के वोट काटने पर 6590 मतों से पराजित किया था। बिहार चुनाव 2025 में भी जदयू के विनय चौधरी का एक बार फिर से मिथिलेश चौधरी से हो रहा है। जनसुराज के उम्मीदवार अमरेश कुमार अमर इसे त्रिकोणीय बनाने मे लगे हैं। आम आदमी पार्टी ने भी यहां से प्रत्याशी दिया है। यहां मतदाताओं की कुल संख्या 3 लाख 282 है। इनमें महिला मतदाता 1 लाख 42 हजार 998, जबकि पुरुष मतदाता 1 लाख 57 हजार 727 है। वहीं थर्डजेंडर 7 मतदाता हैं। 

हायाघाट : भाजपा विधायक मैदान में, सामने नए खिलाड़ी

इस सीट पर राजनीतिक दल हर चुनाव मे अपना उम्मीदवार बदलते रहे हैं, हालांकि भाजपा ने यहां प्रयोग नहीं किया। इस चुनाव में राजद ने पिछली बार 10252 मतों से हारे भोला यादव को नहीं उतारा। यह सीट वामदल को दी गई। सीपीआई के श्याम भारती इस बार भाजपा के मौजूदा विधायक राम चंद्र प्रसाद साह के सामने हैं। जन सुराज के टिकट पर स्कूल संचालिका प्रतिभा सिंह किस्मत आजमा रही हैं। इस इलाके मे वर्षो से बंद पड़े अशोक पेपर मिल को चालू करवाने का सपना सभी दिखा रहे हैं। यहां मतदाताओं की कुल संख्या 2 लाख 53 हजार 276 है। इनमेें महिला मतदाता 1 लाख 19 हजार 707, जबकि पुरुष मतदाता 1 लाख 33 हजार 566हैं। वहीं थर्डजेंडर 3 मतदाता हैं।

बहादुरपुर : मंत्री सहनी फिर मैदान में, सामने लालू के हनुमान

इस सीट पर बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। उनका सामना हायाघाट से पिछली बार हारे भोला यादव से है। लालू के हनुमान कहे जाने वाले राजद नेता भोला यादव पिछले चुनाव में 2629 मतों से हारे राजेश चौधरी की जगह उतारे गए हैं। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 14हजार 646 है। इनमें पुरुष मतदाता 1 लाख 66 हजार 419 है, जबकि महिला मतदाता 1 लाख 48हजार 222 और थर्ड जेंडर मतदाता की संख्या 5 है। बहुजन समाज पार्टी, जन सुराज पार्टी, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी आदि ने भी यहां प्रत्याशी दिए हैं।

केवटी : सिद्दीकी को हराने वाले पर भाजपा ने जताया भरोसा

भाजपा से डॉ. मुरारी मोहन झा चुनावी मैदान में दूसरी बार हैं। पिछली बार उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के दिग्गज नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को यहां 5126 मतों से हराया था। इस बार राजद से डॉ. फराज फातमी उन्हें टक्कर देने मे लगे हैं। वह केवटी से राजद विधायक रह चुके हैं। 2020 में टिकट नहीं मिलने पर वह जदयू में आए थे। फातमी 2024 लोकसभा चुनाव से पहले जदयू में थे, लेकिन टिकट की आस में राजद में वापसी की थी। अब वह राजद के टिकट पर वापस इपने इलाके में हैं। इसलिए, यहां मुकाबला रोचक है। जनसुराज से बिलतू सहनी इसे त्रिकोणीय बनाने मे लगे हैं।  इस इलाके में वर्षों से बंद पड़ी रैयाम चीनी मिल को अपनी सरकार के 20 महीने में चालू कराने का दावा कर तेजस्वी यादव ने मास्टर स्ट्रोक लगाया है। यहां मतदाताओं की कुल संख्या 2 लाख 98 हजार 733 है। इनमें महिला मतदाता 1 लाख 40 हजार 257, जबकि पुरुष मतदाता 1 लाख 58 हजार 481 है और थर्डजेंडर 1 मतदाता है। 

(इनपुट : रितेश सिन्हा, दरभंगा)

जाले : राजद नेता कांग्रेस के टिकट पर, कांग्रेसी निर्दलीय… मुकाबला रोचक

महागठबंधन ने नामांकन के आखिरी दिन राजद के ऋषि मिश्रा को कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव मैदान में उतारा। ऋषि मिश्रा का मुकाबला बिहार सरकार के मंत्री जीवेश कुमार है। जीवेश कुमार यहां से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे है। पिछली बार उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी मसकुर अहमद उस्मानी को 21796 मतों से हराया था। कांग्रेस से निकाले गए मसकुर अहमद उस्मानी ने इस बार यहां मुकाबला को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है। बहुजन समाज पार्टी, जन सुराज पार्टी और प्लुरल्स पार्टी ने भी यहां से प्रत्याशी दिया है। यहां मतदाताओं की कुल संख्या 3 लाख 14 हजार 646 है। इनमें महिला मतदाता 1 लाख 48 हजार 202, जबकि पुरुष मतदाता 1 लाख 66 हजार 419 है और थर्डजेंडर 5 मतदाता हैं।



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