लाल किले के सामने बम धमाके के मामले में जांच एजेंसियां कई डॉक्टरों के मोबाइल फोन और सीडीआर से जुड़े नेटवर्क का पता लगा रही हैं। नूंह और फरीदाबाद से कई डॉक्टरों को पकड़ा गया है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि विस्फोट के बाद से 12 से अधिक डॉक्टरों के फोन नंबर बंद हैं, जिन्हें जांच एजेंसियां ट्रेस करने की कोशिश कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक इनमें से अधिकतर अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं।
बम धमाके के मामले में जांच एजेंसियों को बड़ा सुराग मिला है। गिरफ्तार संदिग्ध डॉक्टरों के साथ डॉक्टर मुजम्मिल के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड यानी कि सीडीआर से एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार एजेंसियों ने डॉक्टरों की एक लंबी लिस्ट तैयार की है। इसमें अल फलाह यूनिवर्सिटी से पढ़े और वहां काम करने वाले डॉक्टरों की संख्या ज्यादा है। इनमें से कई डॉक्टरों के फोन उमर के बम धमाके के बाद से बंद हैं। सूत्र बताते हैं कि करीब एक दर्जन से ज्यादा डॉक्टरों की तलाश की जा रही है, जो जैश से जुड़े इन संदिग्धों के संपर्क में थे। डॉ. शाहीन के फोन से जांच एजेंसियों को कई सबूत मिले हैं।
अल फलाह यूनिवर्सिटी की जमीन की भी प्रशासन ने गहन जांच शुरू कर दी है। इस मामले में फरीदाबाद पुलिस की सीआईए ने यूनिवर्सिटी के मालिक व ट्रस्ट कार्यालय मेें जाकर कागज पत्रों की जांच की। यहां पर अल फलाह यूनिवर्सिटी के मालिक जावेद अहमद सिद्दीकी रहते हैं और चैरिट्रेबल ट्रस्ट का कार्यालय भी यहीं हैं।
नूंह से हिरासत में लिए गए डॉक्टरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
फिरोजपुर झिरका से डॉ. मोहम्मद, नूंह शहर से डॉक्टर रिहान और पुन्हाना के सुनहेड़ा गांव से डॉ. मुस्तकीम को एक दिन पहले पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था उन्हें देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। जानकारी के मुताबिक, मोहम्मद 15 नवंबर को अल फलाह यूनिवर्सिटी में ड्यूटी जॉइन करने वाला था लेकिन उससे पहले दिल्ली में ब्लास्ट हो गया।