कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने जा रहे हैं। इस बीच बीते कई महीनों से राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट जोरों पर है। हालांकि इस मुद्दे पर कोई खुलकर बात नहीं करता, लेकिन दबी जुबान दोनों खेमों के नेताओं में चर्चा होती है। इस बीच मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाओं को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उस वक्त हवा दी, जब उन्होंने सोमवार (27 अक्तूबर) को कहा कि अगर कांग्रेस आलाकमान चाहेंगे तो वो पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए पद पर बने रहेंगे।
‘नवंबर क्रांति’ पर नेताओं को सलाह
इस बीच अब उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बुधवार (29 अक्तूबर) को कर्नाटक कांग्रेस नेताओं से आग्रह किया कि वे मुख्यमंत्री पद में संभावित बदलाव या तथाकथित ‘नवंबर क्रांति’ पर चर्चा करके खुद को तनाव में ना डालें।
दरअसल, राजनीतिक हलकों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगले महीने जब सरकार अपना आधा कार्यकाल यानी ढाई साल पूरा कर लेगी, तब कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव देख सकता है, जिसे कुछ लोग “नवंबर क्रांति” कह रहे हैं। जिस पर शिवकुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं अनुरोध करता हूं कि कोई भी ऐसी किसी भी बात पर चर्चा करके खुद को तनाव में ना डाले।
कई बार सिद्धारमैया दे चुके बयान
मालूम हो कि नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं कुछ समय से चल रही हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस के कुछ धड़े मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कथित सत्ता-साझाकरण समझौते का हवाला दे रहे हैं। सिद्धारमैया ने पहले कहा था कि वह कांग्रेस आलाकमान के फैसले के अधीन पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नवंबर को राज्य भर में लगभग 100 ‘कांग्रेस भवनों’ की आधारशिला रखने के लिए कर्नाटक आ रहे हैं, हालांकि डीके शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि तारीख अभी तय नहीं हुई है। शिवकुमार ने कहा कि मैंने अनुरोध किया है। कुछ जगहों पर भवन के लिए कागजात तैयार हो रहे हैं और तैयारियां चल रही हैं। मैं रिपोर्ट तैयार कर रहा हूं और इसे भेजना होगा। एक बार यह भेज दिए जाने के बाद, वह तारीख को अंतिम रूप देंगे।