Haryana Special Corruption Unemployment Drug Addiction Without Eliminating All These Tagline Will Incomplete – Amar Ujala Hindi News Live


Haryana Special Corruption unemployment drug addiction without eliminating all these tagline will incomplete

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– फोटो : अमर उजाला

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करीब एक माह पहले आईपीएस वाई पूरण कुमार और उसके बाद एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्या के मामलों के बाद भी इस बार हरियाणा के माहौल में जातीय जहर नहीं घुला। पूरण कुमार ने सुसाइड नोट में जाति आधारित उत्पीड़न और भेदभाव के आरोप लगाए थे जिसे तूल मिलने लगा था। 

उसी बीच संदीप लाठर के सुसाइड नोट ने इसे जातीय नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के मामले का रूप दे दिया। कुछ लोग और संगठन जो पूरण कुमार की आत्महत्या को जाति आधारित मुद्दा बना रहे थे वह एकाएक शांत हो गए। उधर, संदीप लाठर के परिजनों ने भी सूझबूझ का परिचय देते हुए इसे जातीय मुद्दा नहीं बनने दिया। 2010 और 2016 में जातीय हिंसा की जलन झेल चुका हरियाणा इस बार उस आग से बच गया। 

फतेहाबाद के चांदपुरा गांव के लोग इसलिए प्रदर्शन पर उतर आए क्योंकि वह गांव में मिले कन्या भ्रूण के लिए न्याय चाहते हैं। कोख में ही कन्या की किलकारियां खत्म कर देने वालों को सजा दिलाना चाहते हैं। बेटों के मुकाबले बेटियों की कम संख्या का दंश झेल रहा हरियाणा अब सामाजिक परिवर्तन की राह पर है।  

… यह बदलते हरियाणा का, आज के हरियाणा का मिजाज है। जहां चुनाव से लेकर नौकरियों तक में जाति का नारा उछलता रहा है वहां के लोग आज ऐसे मामलों को बेवजह तूल नहीं देना चाहते। जहां बेटियों को बेटों से इतना श्रेष्ठ माना जाता था कि लिंगानुपात चिंताजनक स्तर तक पहुंच गया वहां से देशभर में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा गूंजा। 



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