लाहौर की अदियाला जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान को ‘हार्ड स्टेट’ यानी दमनकारी देश में बदल दिया है, और वह लोकतंत्र के सभी स्तंभों को कुचल रहे हैं।
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‘लोकतंत्र के स्तंभों को कुचल रहा है असीम लॉ’
इमरान खान, जो कई मामलों में दो साल से अधिक समय से जेल में हैं, ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि असली ‘हार्ड स्टेट’ का मतलब होता है एक ऐसा देश जहां संविधान का सम्मान, कानून की प्रधानता, न्याय और लोकतांत्रिक स्वतंत्रताएं कायम हों। लेकिन, उनके अनुसार, आसिम मुनीर का ‘हार्ड स्टेट’ सिर्फ बल के जरिए लोकतंत्र के सभी मूलभूत स्तंभों को खत्म करने का नाम है। उन्होंने कहा, ‘कोई भी राज्य अपने लोगों के समर्थन और सहमति के बिना मजबूत नहीं हो सकता। जो अत्याचार ‘असीम लॉ’ के तहत किए जा रहे हैं, वे राज्य को मजबूत नहीं कर रहे, बल्कि उसकी नींव को कमजोर कर रहे हैं।’
‘जेल में बुनियादी सुविधाओं से किया गया वंचित’
इमरान खान ने दावा किया कि उन्हें पूरी तरह अलग-थलग रखा गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें जेल मैनुअल के तहत मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है। पिछले 10 महीनों में उन्हें अपने बेटों से केवल एक बार, तीन-तीन मिनट के दो छोटे अंतराल में बात करने की अनुमति मिली। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें राजनीतिक नेता होने के नाते अपने सहयोगियों से मिलने का भी अधिकार नहीं दिया जा रहा। उनके वकीलों, पार्टी के सदस्यों और परिवार से मिलने में लगातार बाधाएं डाली जा रही हैं, जो उनके अनुसार उनके कानूनी और बुनियादी अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।
पाकिस्तान के मौजूदा हालात पर जताई चिंता
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके सरकार के दौरान खैबर पख्तूनख्वा में शांति थी और नीतियां अच्छी थीं। लेकिन सरकार बदलने के बाद स्थिति लगातार बिगड़ रही है। उन्होंने अफगानिस्तान के साथ मौजूदा तनाव पर चिंता जताते हुए कहा कि नफरत और संघर्ष किसी के हित में नहीं है। उनका कहना है कि केवल जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा बनाई गई नीतियां ही आतंकवाद का स्थायी समाधान दे सकती हैं।
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कैदी अधिकारों का किया जा रहा उल्लंघन- बुखारी
वहीं इमरान खान के करीबी सहयोगी जुल्फी बुखारी ने कहा कि इमरान खान को 29 अक्तूबर तक पूरी तरह अलग रखा जाएगा और किसी को उनसे मिलने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पत्नी बुशरा बीबी के परिवार को अदियाला जेल, रावलपिंडी में छह घंटे से अधिक समय तक इंतजार कराया गया, लेकिन उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई और न ही उनके दैनिक आवश्यक सामान देने की अनुमति मिली। बुखारी ने इसे क्रूरता और बुनियादी मानव एवं कैदी अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन बताया।