हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के बीच भारत और अमेरिका ने नौसैनिक सहयोग को और मजबूत करने पर जोर दिया है। अमेरिकी दौरे पर गए भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने शीर्ष अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के साथ कई दौर की बातचीत की, जिसमें समुद्री सुरक्षा से लेकर उन्नत तकनीक के इस्तेमाल तक, दोनों देशों ने साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने का संकल्प दोहराया।
पांच दिवसीय दौरे के दौरान एडमिरल त्रिपाठी ने यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख एडमिरल सैमुअल जे पापारो, यूएस पैसिफिक फ्लीट कमांडर एडमिरल स्टीफन टी. कोहलर और यूएस मरीन फोर्सेज पैसिफिक के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जेम्स एफ. ग्लिन से मुलाकात की। इन बैठकों में समुद्री क्षेत्र में उभर रही चुनौतियों, संचालनात्मक समन्वय और इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ाने के उपायों पर विस्तार से चर्चा हुई।
जानकारी-साझाकरण और समुद्री डोमेन जागरूकता को बेहतर बनाने को लेकर भी महत्वपूर्ण बातचीत हुई। दोनों देशों ने इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस पहल को भारत के इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर-इंडियन ओशन रीजन (आईएफसी-आईओआर) से अधिक प्रभावी तरीके से जोड़ने पर सहमति जताई। साथ ही समुद्री व्यापार मार्गों और महत्वपूर्ण अंडरसी इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
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साइबर संचालन व समुद्री निगरानी में सहयोग बढ़ाने पर जोर
वार्ता के दौरान मानवीय सहायता, आपदा राहत, खोज एवं बचाव और एंटी-पायरेसी अभियानों में सहयोग को बढ़ाने पर भी बल दिया गया। दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि मालाबार, पासेक्स, मिलन और कम्बाइंड मैरीटाइम फोर्सेज जैसे संयुक्त सैन्य अभ्यास और ज्यादा किए जाएंगे, ताकि संयुक्त युद्धक क्षमता और लॉजिस्टिक समन्वय और सुदृढ़ हो सके।