इस्राइल और हमास के बीच दो साल से चल रहे भयावह हिंसक संघर्ष के बाद सीजफायर हुआ। हालांकि उसके बाद भी पश्चिम एशिया में आज भी अशांति बरकरार है। कारण है कि प्रतिदिन गोलीबारी की खबरें आ रही हैं। इसी बीच दक्षिण लेबनान के नबातिये जिले के कफरसिर कस्बे में शनिवार को इस्राइल के हवाई हमले में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और तीन लोग घायल हुए। यह जानकारी लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार हमला स्थानीय समय दोपहर करीब 2:15 बजे, जब एक ‘गाइडेड मिसाइल’ ने एक कार को निशाना बनाया। इस धमाके से आसपास के इलाके में भारी नुकसान हुआ और राहत दल तुरंत मौके पर पहुंचे। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब लेबनान के राष्ट्रपति जोसेफ आउन ने एक दिन पहले ही इस्राइल पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया था। आउन ने कहा था कि इस्राइल उनकी स्थायी शांति वार्ता की पेशकश का जवाब हमलों से दे रहा है।
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इस्राइल के निशाने पर लेबनान क्यों?
बता दें कि इस्राइल और हमास के साथ संघर्ष शुरू होने के बाद 2023 में हिजबुल्लाह ने गाजा में जारी संघर्ष के दौरान हमास के समर्थन में इस्राइल पर हमले शुरू किए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच झड़पें बढ़ीं। नवंबर 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में एक सीजफायर (युद्धविराम) हुआ, लेकिन अभी भी पश्चिम एशिया में अशांति बरकरार है।
आम नागरिकों की मौतें
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, युद्धविराम लागू होने के बाद से इस्राइली हमलों में लेबनान के कम से कम 111 नागरिक मारे जा चुके हैं। इनमें पत्रकार और राहतकर्मी भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्टस बताती है कि इस्राइली सेना अभी भी दक्षिण लेबनान के कम से कम पांच इलाकों में मौजूद है और लगभग रोज हवाई हमले कर रही है, जिन्हें वह ‘हिजबुल्लाह ठिकानों’ पर कार्रवाई बताती है।
दूसरी ओर, राष्ट्रपति आउन ने हाल ही में कहा कि उनकी वार्ता की पहल का मकसद इस्राइली कब्जा खत्म करना है। उन्होंने लेबनान की शांति के लिए बातचीत की इच्छा दोहराई। इस्राइल का कहना है कि लेबनान हिजबुल्लाह को रोकने में नाकाम रहा है, जबकि हिज़बुल्लाह ने हथियार डालने से इनकार कर दिया है।
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इस्राइली सेना का हस्तक्षेप और झड़प
गौरतलब है कि बीते कुछ दिन पहले ही इस्राइली सैनिकों ने सीमा के पास ब्लिदा कस्बे में छापा मारा था, जिसमें नगर पालिका कर्मचारी इब्राहिम सलामेह की मौत हो गई थी। इस्राइली सेना ने दावा किया कि यह हिजबुल्लाह ढांचे को नष्ट करने की कार्रवाई थी, लेकिन उसने कोई सबूत पेश नहीं किया। राष्ट्रपति आउन ने इसके बाद लेबनानी सेना को निर्देश दिया कि अगर इस्राइल फिर से सीमा पार करे, तो सख्त जवाब दिया जाए।