Karnataka Rajyotsava 2025: Dk Shivakumar Urges All Establishments To Hoist Karnataka Flag With National Flag – Amar Ujala Hindi News Live


कर्नाटक के 70वें राज्योत्सव के अवसर पर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने एक विशेष घोषणा करते हुए कहा कि अब राज्य के सभी सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों में राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ कर्नाटक का ध्वज भी फहराया जाएगा। शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक सभी समुदायों और पृष्ठभूमि के लोगों को अपनाने वाला राज्य है, जिसकी सबसे बड़ी ताकत इसकी संस्कृति और परंपरा है। उन्होंने कहा हमारी माता भुवनेश्वरी सभी का स्वागत करती हैं। कर्नाटक आज विविधता में एकता का प्रतीक बन चुका है। हमारे राज्य की नदियां, संसाधन और रोजगार अवसर इसे सबका घर बनाते हैं। इसी समृद्ध परंपरा का सम्मान करते हुए हम चाहते हैं कि हर कार्यालय में कर्नाटक का झंडा भी लहराए।

उन्होंने आगे कहा कि अगले साल से सभी सरकारी कार्यालयों, संस्थानों और निजी प्रतिष्ठानों में एक माह के लिए कन्नड़ ध्वज लगाने का अभियान चलाया जाएगा ताकि लोग राज्य की सांस्कृतिक पहचान से और गहराई से जुड़ सकें।

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मुख्यमंत्री ने दी राज्यवासियों को शुभकामनाएं

राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी राज्योत्सव के अवसर पर सभी नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कर्नाटक राज्योत्सव केवल एक उत्सव नहीं है। यह एक पवित्र दिन है जो विभिन्न राज्यों में फैले कन्नड़ लोगों को कन्नड़ भाषा की नाभि से जोड़ता है। इस दिन, आइए हम उन लाखों कन्नड़ उत्साही लोगों के श्रम, बलिदान और बलिदान को गर्व से याद करें जिन्होंने ऐसे कन्नड़ राज्य के सपने को साकार करने के लिए निस्वार्थ भाव से काम किया। वे सभी जो दूसरे राज्यों और विदेशों से आकर यहाँ बस गए हैं और शिक्षा, रोजगार आदि जैसे कारणों से अपना जीवन बनाया है, कन्नड़ हैं, वे हम में से एक हैं। आइए हम सब – आप और हम सब मिलकर – इस दिन कन्नड़ भाषा के उपयोग और पोषण का संकल्प लें। इस भूमि की भाषा हृदय की भाषा बने, कन्नड़ का अंकुर सभी के हृदय में फूटे। सभी देशवासियों को कर्नाटक राज्योत्सव की शुभकामनाएं।

सीएम ने आगे कहा कि हमारी आकांक्षा है कि कर्नाटक की धरती पर जन्मे और पले-बढ़े लोग और जो दूसरे राज्यों से आकर यहां अपना जीवन बसर करते हैं, वे कन्नड़ भाषा में अपना आचरण करें। इस संबंध में हमने एक आदेश जारी किया है कि राज्य भर के सभी कार्यालयों, दुकानों-प्रतिष्ठानों और विभिन्न व्यावसायिक उद्यमों के नामपट्टों पर 60% कन्नड़ भाषा का उपयोग अनिवार्य रूप से होना चाहिए। उन्होंने कहा हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए, लेकिन अपनी मातृभाषा कन्नड़ से प्रेम करना हमारी जिम्मेदारी है।



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