Maharashtra:’क्या 12 लाख सैनिकों की जरूरत है?’ भारतीय सेना पर ये क्या बोले गए कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण – Maharashtra Congress Leader Prithviraj Chavan On Indian Army Questioned Numbers Of Soldiers


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भारत की सैन्य रणनीति को लेकर बड़ा सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान की तुलना में कहीं बड़ी थलसेना है, लेकिन भविष्य के युद्ध अब जमीन पर नहीं, बल्कि हवा और मिसाइलों के जरिए लड़े जाएंगे। उनके मुताबिक, हालिया ऑपरेशन सिंदूर ने यह साफ कर दिया है कि आने वाले समय में युद्ध का स्वरूप पूरी तरह बदल चुका है।

मंगलवार को पुणे में पत्रकारों से बातचीत में पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि भारत के पास 12 से 15 लाख सैनिकों की थलसेना है, जबकि पाकिस्तान के पास करीब 5 से 6 लाख सैनिक हैं। इसके बावजूद बड़ी थलसेना का अब कोई खास अर्थ नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का आमने-सामने का जमीनी युद्ध अब नहीं होगा, इसलिए इतनी बड़ी सेना रखने की जरूरत पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।

ऑपरेशन सिंदूर से बदला युद्ध का स्वरूप

चव्हाण ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह देखा गया कि सैन्य टुकड़ियां जमीन पर एक किलोमीटर भी आगे नहीं बढ़ीं। पूरा संघर्ष हवाई कार्रवाई और मिसाइलों तक सीमित रहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य में भी युद्ध इसी तरह लड़े जाएंगे, जहां वायु शक्ति और मिसाइल तकनीक निर्णायक भूमिका निभाएंगी।

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पैदल सेना की भूमिका पर सवाल

कांग्रेस नेता का कहना था कि अब यह मायने नहीं रखता कि किसी देश के पास कितनी बड़ी इन्फैंट्री है। उन्होंने कहा कि आज कोई भी देश उस तरह के पारंपरिक युद्ध की इजाजत नहीं देगा। ऐसे में 12 लाख की सेना बनाए रखने की जरूरत पर सवाल उठना स्वाभाविक है। चव्हाण ने सुझाव दिया कि इतनी बड़ी मानव शक्ति को अन्य उपयोगी कार्यों में लगाया जा सकता है।

अर्थव्यवस्था बड़ी, फिर भी सैन्य बराबरी

पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से लगभग दस गुना बड़ी है, इसके बावजूद सैन्य संतुलन के मामले में एक तरह की बराबरी बनी हुई है। उन्होंने दावा किया कि अब आगे “हॉट वॉर” की संभावना बेहद कम है, जहां दोनों देशों के टैंक आमने-सामने हों।

अमेरिकी हस्तक्षेप का भी किया जिक्र

उन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि तब अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने हस्तक्षेप कर युद्ध रुकवाया था। चव्हाण ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने “युद्ध रोकने” की बात कही और इसके बाद संघर्ष को आगे नहीं बढ़ाया गया। उनके अनुसार, अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण अब लंबे समय तक चलने वाले युद्ध संभव नहीं रह गए हैं।

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