महाराष्ट्र के नागपुर में किसानों के ऋण माफी की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन बुधवार को नया मोड़ ले गया। प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने नागपुर-वर्धा हाईवे से किसानों का प्रदर्शन हटाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अब वे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से गुरुवार को मुंबई में मुलाकात करेंगे और आगे की रणनीति वहीं तय की जाएगी।
यह फैसला बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश के बाद आया, जिसमें अदालत ने प्रदर्शनकारियों को शाम 6 बजे तक हाईवे खाली करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा था कि हाईवे पर चल रहे आंदोलन से लोगों की आवाजाही में भारी बाधा आ रही है और यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। किसान पिछले दो दिनों से ऋणमाफी और फसल बोनस की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। अदालत के आदेश के बावजूद प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
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अगर कर्ज माफी की तारीख तय नहीं हुई तो रोक देंगे ट्रेनें
पूर्व मंत्री और विधायक बच्चू ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गईं, तो दोपहर 12 बजे के बाद ट्रेनें रोक दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमारे किसान कर्ज में डूबे हैं। अगर राज्य सरकार के पास पैसा नहीं है, तो केंद्र को मदद करनी चाहिए। मंगलवार को वे हजारों किसानों के साथ नागपुर पहुंचे थे और नागपुर-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध किया था। बुधवार को भी आंदोलन जारी रहा और रेलवे ट्रैक पर बैठकर किसानों ने अपना विरोध दर्ज कराया। फिलहाल, बच्चू ने कहा है कि प्रदर्शनकारी नागपुर के पास राजमार्ग खाली कर पास के मैदान में चले जाएंगे।
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फडणवीस सरकार का राहत पैकेज
राज्य में हाल के महीनों में आई भारी बारिश और बाढ़ से 68 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलों को नुकसान हुआ है, खासकर मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में। इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस महीने की शुरुआत में बारिश से प्रभावित किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी। इसके तहत किसानों को 10,000 रुपये की नकद सहायता दी जाएगी और यह राहत 36 में से 29 जिलों को कवर करेगी। हालांकि, किसान संगठनों का कहना है कि यह पैकेज अपर्याप्त है और ऋणमाफी के बिना किसानों की समस्याएं हल नहीं होंगी।