सतारा जिले में महिला डॉक्टर की आत्महत्या का मामला बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को डॉक्टर के गृह क्षेत्र बीड जिले के वडवानी में आज बंद बुलाया गया। साथ ही पीड़ित परिजनों ने एसआईटी जांच की मांग की है। 28 वर्षीय डॉक्टर पिछले हफ्ते सतारा जिले के फलटन तालुका के एक होटल में फंदे से लटकी मिली थी। उसने अपनी हथेली पर एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि पुलिस सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने ने कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया, जबकि सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बांकर ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग
वडवानी तालुका में ही पीड़िता का गांव है, वहां के लोगों ने मंगलवार को विरोध में बंद रखा और शिवाजी महाराज चौक से तहसील ऑफिस तक मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा, जिसमें डॉक्टर की आत्महत्या मामले की SIT जांच और मामले में फास्ट-ट्रैक ट्रायल की मांग शामिल है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि इस मामले में दूसरे अधिकारियों की भूमिका पर भी आरोप लगे हैं। उन्होंने कहा कि, ‘हम मांग करते हैं कि इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्हें भी सस्पेंड किया जाना चाहिए और सजा मिलनी चाहिए।’ सोमवार को डॉक्टर के परिवार वालों ने सरकार से मामले की जांच के लिए एक एसआईटी बनाने की मांग की और कहा कि ट्रायल बीड में फास्ट-ट्रैक कोर्ट में होना चाहिए, न कि फलटन में, जहां यह घटना हुई थी।
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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में धांधली के लिए डॉक्टर पर था दबाव
दावा किया जा रहा है कि महिला डॉक्टर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट देने के लिए भारी दबाव में थी और उसने अपने सुसाइड नोट में भी इसका जिक्र किया है। दरअसल डॉक्टर की ड्यूटी पोस्टमॉर्टम विभाग में ही तैनात थी और उसी पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी थी। महिला डॉक्टर ने कथित तौर पर अपने सुसाइड नोट में एक पूर्व सांसद के नाम का भी जिक्र किया है, जिसके द्वारा महिला डॉक्टर पर मेडिकल रिपोर्ट में गड़बड़ी करने के लिए दबाव डाला जा रहा था।