Owaisi In Kishanganj Are 17% Minorities In Bihar Just For Spreading Carpet Son Of Mohammad Can Also Be Pm-cm – Amar Ujala Hindi News Live


बिहार में लगातार बढ़ती चुनावी सरगर्मियों के बीच सियासी बयानों का सिलसिला भी बदस्तूर जारी है। हैदराबाद के लोकसभा सांसद असदु्द्दीन ओवैसी ने अपनी पार्टी के लिए प्रचार के दौरान मुस्लिम मुख्यमंत्री और अल्पसंख्यक समुदाय के मुद्दों पर तीखे सवाल पूछे।

कब होना है मतदान, नतीजों का एलान कब?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान आगामी 6 और 11 नवंबर को कराए जाने हैं। इसके बाद 14 नवंबर को चुनावी नतीजों का एलान हो जाएगा। तमाम दल धुआंधार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इसी कड़ी में तेलंगाना की हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद असदुद्दीन ओवैसी अपनी पार्टी के प्रत्याशी का प्रचार करने किशनगंज पहुंचे। सीमांचल के इस क्षेत्र में लगातार बढ़ती सरगर्मियों के बीच ओवैसी ने बिहार के लोगों से तीखे सवाल पूछे। 

बिहार में 17% अल्पसंख्यक समुदाय क्या केवल ‘दरी’ (कालीन) बिछाने के लिए?

एक जनसभा के दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहता, … तेजस्वी यादव के बगल में बैठे, वीआईपी पार्टी के मुकेश भाई, अपने समुदाय के इतिहास का जिक्र कर आश्वस्त किया है कि मल्ला समुदाय तेजस्वी के साथ है। मल्ला समुदाय बिहार की आबादी का 3% प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने घोषणा की कि यदि वे सत्ता में आते हैं, तो वे उपमुख्यमंत्री बनेंगे। मुकेश सहनी के इस बयान का जिक्र करते हुए ओवैसी ने तीखे सवाल भी पूछे। उन्होंने कहा, यदि एक मल्ला का बेटा उपमुख्यमंत्री बनेगा, तो बिहार में 17% अल्पसंख्यक समुदाय क्या करेगा? क्या वे केवल ‘दरी’ (कालीन) बिछाने के लिए हैं… 

किशनगंज में जनता के बीच ओवैसी के तीखे सवाल

अपने समर्थकों की मौजूदगी से उत्साहित ओवैसी ने पूछा, क्या आप मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं?… उन्होंने दो टूक लहजे में कहा, यदि एक मल्ला का बेटा उपमुख्यमंत्री बन सकता है, तो मोहम्मद का बेटा भी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बन सकता है… हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता… 

जितना अधिक आप सपने देखते हैं, उतना ही…

ओवैसी ने जनता से सपने देखने का आह्वान करते हुए कहा, ‘याद रखें, जितना अधिक आप सपने देखते हैं, उतना ही आप अल्लाह की इच्छा पर भरोसा करते हैं, और जितना अधिक आप रास्ते में प्रयास करते हैं, उतना ही आप सपने को साकार होता हुआ देखेंगे।

क्यों दिलचस्प है इस बार का विधानसभा चुनाव

बता दें कि बिहार में कई दशकों के बाद इस बार का विधानसभा चुनाव त्रिकोणीय माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि सत्तारूढ़- राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और राष्ट्रीय स्तर पर बने विपक्षी दलों के गठबंधन- INDIA में शामिल कुछ दलों के महागठबंधन के अलावा इस बार प्रशांत किशोर नीत दल- जन सुराज पार्टी भी ताल ठोक रही है। सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे प्रशांत का कहना है कि उनकी पार्टी बिहार की जनता के समर्थन से इस बार अभूतपूर्व राजनीतिक इतिहास बनाने में सफल होगी। दूसरी तरफ एनडीए के तमाम नेता बीते दो दशकों में किए गए विकास और 1990 के दशक में राजद-कांग्रेस के ‘जंगलराज’ का उल्लख कर विपक्षी दलों को घेर रहे हैं। राजद-कांग्रेस पार्टी नीत महागठबंधन भी इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत सरकार को उखाड़ फेंकने के दावे कर रहा है।





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