उदयपुर जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक के दौरान हुए विवाद को लेकर उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत और बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत आमने-सामने आ गए हैं। दोनों सांसदों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे मामला राजनीतिक रूप से गरमा गया है।
मन्नालाल रावत ने लगाए गंभीर आरोप
उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने जारी अपने लिखित बयान में आरोप लगाया कि दिशा बैठक के दौरान बीएपी सांसद राजकुमार रोत और आसपुर विधायक उमेश डामोर ने उनके खिलाफ अशोभनीय टिप्पणियां कीं। रावत का कहना है कि बैठक के दौरान उनके साथ थप्पड़ मारने की कोशिश की गई और उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई।
अलगाववाद को लेकर बयान
डॉ. रावत ने आरोप लगाया कि सांसद राजकुमार रोत डूंगरपुर को अलगाववाद का टापू बनाना चाहते हैं और आदिवासी अंचल के विकास से उनका कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि रोत स्कूलों में मिड-डे मील योजना बंद कराने का षड्यंत्र कर रहे हैं, जो बच्चों और गरीब परिवारों के हितों के खिलाफ है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अपमान का आरोप
सांसद रावत ने कहा कि राजकुमार रोत ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भ्रष्ट बताते हुए यह टिप्पणी की कि वे राशन सामग्री गुजरात ले जाकर बेच देती हैं। रावत के अनुसार यह बयान सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का अपमान है और इसकी निंदा की जानी चाहिए।
दिशा बैठक के उद्देश्य पर सवाल
डॉ. रावत ने कहा कि दिशा बैठक केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 101 बिंदुओं पर आधारित होती है, जिसका मकसद जनकल्याण और विकास कार्यों की समीक्षा करना है। उनका आरोप है कि बैठक के दौरान सांसद रोत विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय राजनीतिक छींटाकशी करते रहे, जो एक जनप्रतिनिधि के आचरण के अनुरूप नहीं है।
उदयपुर सांसद ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा गांवों की समस्याओं के समाधान के लिए जनकल्याणकारी शिविर लगाए जा रहे हैं, जिससे आम लोगों को राहत मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सांसद रोत इन शिविरों में टेंट और भोजन के खर्च को लेकर सवाल उठाते रहे, जबकि यह विषय बैठक के एजेंडे में शामिल ही नहीं था।
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राजकुमार रोत ने किया पलटवार
वहीं, बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने अपने बयान में डॉ. रावत के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। रोत ने कहा कि उदयपुर सांसद बैठक में पहले से योजना बनाकर आए थे और उनका उद्देश्य जानबूझकर विवाद खड़ा करना था।
विकास मुद्दों को उठाने का दावा
सांसद रोत के अनुसार, बैठक में उन्होंने विकास कार्यों की गुणवत्ता, वन विभाग के पट्टों और आम जनता की समस्याओं से जुड़े मुद्दे उठाए थे। उन्होंने कहा कि लोग पट्टों के लिए भटक रहे हैं, लेकिन डॉ. रावत बार-बार उनकी बातों में हस्तक्षेप करते रहे।
राजकुमार रोत ने आरोप लगाया कि पिछली एक दिशा बैठक को लेकर सांसद रावत ने ‘कबाड़ा’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था, जिसका उन्होंने विरोध किया। रोत का कहना है कि वे मर्यादित भाषा में बात कर रहे थे, लेकिन उन्हें उकसाने की कोशिश की गई और रावत बैठक में लड़ाई और बखेड़ा करने के इरादे से आए थे।