Rajnath Singh In Defence Ministers Meeting Admm Said Asean Is Essential Component In India Act East Policy – Amar Ujala Hindi News Live


मलयेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित आसियान के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिरकत की। इस बैठक में अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने भारत और आसियान देशों की रणनीतिक साझेदारी की तारीफ की और कहा कि आसियान देशों के साथ भारत के संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति के लिए आसियान एक अहम और जरूरी तत्व है। 

‘भारत की एक्ट ईस्ट नीति का आसियान जरूरी हिस्सा’

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘भारत आसियान डिफेंस मिनिस्टर्स मीटिंग-प्लस की शुरुआत से ही एक सक्रिय भागीदार रहा है। भारत के लिए आसियान की रक्षा मंत्रियों की ये बैठक ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के हमारे विजन का एक जरूरी हिस्सा रही है। आसियान के साथ भारत का जुड़ाव आसियान के रक्षा मंत्रियों की बैठक शुरू होने से पहले का है, लेकिन इस तंत्र ने एक संगठित रक्षा मंच मुहैया कराया है जो इसके कूटनीतिक और आर्थिक पहलुओं को पूरा करता है। 2022 में आसियान-भारत साझेदारी को रणनीतिक साझेदारी में बदला गया, यह न केवल भारत-आसियान के संबंधों की मजबूती को दिखाता है बल्कि क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के बढ़ते तालमेल को भी दिखाता है।’

गौरतलब है कि ADMM-प्लस एक ऐसा मंच है जिसमें आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस) के 11 सदस्य देश और इसके आठ डायलॉग पार्टनर – भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, रूस और यूनाइटेड स्टेट्स शामिल हैं।

 

एक्ट ईस्ट पॉलिसी क्या है?

भारत सरकार ने नवंबर 2014 में एक्ट ईस्ट पॉलिसी की शुरुआत की, यह लुक ईस्ट पॉलिसी का अपग्रेड है। यह विभिन्न स्तरों पर एशिया-प्रशांत क्षेत्र के साथ आर्थिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने की एक राजनयिक पहल है। इसमें द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों पर कनेक्टिविटी, व्यापार, संस्कृति, रक्षा तथा लोगों से लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्र में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ जुड़ाव की नीति है। 

आसियान मंच की अहमियत बढ़ी

भारतीय रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘पिछले डेढ़ दशक में आसियान रक्षा मंत्री मीटिंग प्लस के इस मंच की अहमियत काफी बढ़ी है। यह एक डायलॉग प्लेटफॉर्म से प्रायोगिक रक्षा सहयोग के ढांचे में बदला। हिंद और प्रशांत महासागर क्षेत्र में भारत रक्षा सहयोग के साथ आर्थिक विकास, तकनीक साझाकरण और मानव संसाधन में सहयोग को बढ़ावा देने के पक्ष में है।’

ये भी पढ़ें- US: वेनेजुएला पर हमले की खबरों पर राष्ट्रपति ट्रंप का इनकार, अमेरिकी कार्रवाई पर संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता

हिंद प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और समावेशी बनाए रखने पर जोर

हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे के बीच राजनाथ सिंह ने बिना किसी देश का नाम लिए बगैर कहा कि ‘भारत आसियान देशों के साथ अपने रक्षा सहयोग को क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और क्षमता निर्माण के तौर पर देखता है। भारत का नजरिया है कि हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र मुक्त, समावेशी और नियमों पर आधारित हो। इस क्षेत्र में कानून का शासन रहे, खासकर ‘यूएन कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ सी’ के तहत नेविगेशन की आजादी मिले।’ राजनाथ सिंह ने ये साफ किया कि ये किसी देश के खिलाफ नहीं है बल्कि सभी हितधारकों के सामूहिक हितों की रक्षा के लिए है। राजनाथ सिंह ने कहा कि आसियान देशों का सहयोग साइबर सिक्योरिटी, समुद्री क्षेत्र की जानकारी, बुनियादी ढांचे के विकास आदि क्षेत्रों तक फैल गया है। 

 





Source link

Leave a Comment