Sir Happen State Pay Attention On Each Every Rules Of Election Commission Know Entire Process In Hindi – Amar Ujala Hindi News Live


भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया की शुरुआत की है। यह कवायद आज रात 12 बजे से यानी 28 अक ही शुरू हो जाएगी। इसे एसआईआर का दूसरा चरण माना जा रहा है। यह प्रक्रिया 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में की जाएगी। बिहार में हाल ही में पूर्ण हुए पहले चरण के बाद अब आयोग इसे दूसरे चरण के रूप में लागू कर रहा है। आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया से मतदाता सूची को अधिक सटीक, पारदर्शी बनाया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि यह विशेष पुनरीक्षण 20 साल बाद हो रहा है। इससे पहले 1951 से 2004 के बीच कुल आठ बार एसआईआर की प्रक्रिया की गई थी। अब इस अभ्यास के तहत सभी योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल किया जाएगा और उन नामों को हटाया जाएगा जो गलत तरीके से दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि इस पहल से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी योग्य मतदाता छूटे नहीं और कोई अयोग्य नाम सूची में शामिल न रहे।

कैसी होगी पूरी प्रक्रिया? आसान भाषा में समझें

एसआईआर सामान्य मतदाता सूची संशोधन से अधिक विस्तृत प्रक्रिया है। इसमें ब्लॉक लेवल ऑफिसर यानी बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से जानकारी जुटाएंगे और एन्यूमरेशन फॉर्म भरवाएंगे। आयोग ने निर्देश दिया है कि हर मतदाता से तीन बार संपर्क किया जाएगा।

यदि कोई मतदाता अस्थायी रूप से बाहर गया है या ऑफिस समय में उपलब्ध नहीं है, तो वह ऑनलाइन माध्यम से स्वयं भी विवरण अपडेट कर सकता है। पहले चरण में मतदाताओं के विवरण 2002-03-04 की सूची से मिलान किए जाएंगे ताकि पुराने रिकॉर्ड में विसंगतियां पकड़ी जा सकें।

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एसआईआर की प्रमुख प्रक्रियाएं

विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत निर्वाचन अधिकारी और सहायक निर्वाचन अधिकारी  27 अक्तूबर 2025 की स्थिति के अनुसार प्रत्येक मतदाता के लिए यूनिक एन्यूमरेशन फॉर्म तैयार करेंगे। इन फॉर्म में मौजूदा मतदाता सूची से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी होगी। 

बूथ लेवल अधिकारी यानी बीएलओ इन फॉर्मों को प्रत्येक मतदाता तक पहुंचाएंगे और उन्हें 2002-2004 में हुई पिछली एसआईआर के रिकॉर्ड से नाम या रिश्तेदारों के नाम से मिलान करने में मदद करेंगे। इसके लिए बूथ लेवल अधिकारियों को ऑल-इंडिया डेटाबेस तक भी पहुंच दी जाएगी।

एसआईआर के प्रमुख पदाधिकारी

प्रत्येक मतदान केंद्र पर करीब 1,000 मतदाता और एक बूथ लेवल अधिकारी होंगे। एक विधानसभा क्षेत्र में कई मतदान केंद्र होंगे, और प्रत्येक क्षेत्र के लिए एक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी नियुक्त होगा। यह अधिकारी एसडीएम स्तर का होता है, जो प्रारूप मतदाता सूची तैयार करता है, दावे और आपत्तियां सुनता है तथा अंतिम सूची प्रकाशित करता है। 

प्रत्येक तहसील में सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी होंगे। ईआरओ के निर्णय के खिलाफ पहली अपील जिलाधिकारी और दूसरी अपील राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास की जा सकेगी।

दूसरे चरण में इन 12 राज्यों में होगा एसआईआर

दूसरे चरण में चुनाव आयोग 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण करा रहा है. इन सभी राज्यों में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप शामिल हैं. 

मान्य दस्तावेजों की सूची


  • केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी सरकारी उपक्रम के नियमित कर्मचारी या पेंशनधारक को जारी किया गया पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश।

  • किसी सरकारी संस्था, स्थानीय निकाय, बैंक, डाकघर, एलआईसी या सरकारी उपक्रम द्वारा एक जुलाई 1987 से पहले जारी किया गया कोई भी पहचान पत्र, प्रमाणपत्र या दस्तावेज।

  • सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया जन्म प्रमाणपत्र।

  • पासपोर्ट।

  • किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया मैट्रिकुलेशन या शैक्षिक प्रमाणपत्र।

  • राज्य सरकार की सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाणपत्र।

  • वन अधिकार प्रमाणपत्र।

  • सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी ओबीसी, एससी, एसटी या किसी जाति का प्रमाणपत्र।

  • राष्ट्रीय नागरिक पंजी जहां लागू हो।

  • परिवार रजिस्टर, जिसे राज्य या स्थानीय निकायों द्वारा तैयार किया गया हो।

  • सरकार द्वारा जारी भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र।

  • आधार कार्ड मान्य पर आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार, पत्र संख्या 23/2025-ERS/Vol.II दिनांक 09.09.2025 के अनुसार लागू होंगे। 

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि एसआईआर के दूसरे चरण के लिए 12 दस्तावेजों की एक संकेतात्मक सूची तैयार की गई है। जिनमें 11 दस्तावेजों के साथ आधार कार्ड को 12वां पहचान दस्तावेज माना गया है। यह सूची लगभग सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से चर्चा के बाद बनाई गई है।

नागरिकों और बीएलओ की भूमिका अहम

चुनाव आयोग का कहना है कि यह अभियान तभी सफल होगा जब नागरिक सक्रिय रूप से भाग लेंगे। मतदाताओं को ड्राफ्ट सूची में अपना नाम जांचना, सही फॉर्म भरकर त्रुटियां सुधारना और आवश्यक दस्तावेज लगाना जरूरी है। इसमें बीएलओ की भी बड़ी भूमिका होगी क्योंकि वही घर-घर जाकर लोगों का नाम जोड़ेंगे। 

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एसआईआर क्यों अहम?

कानून के अनुसार, मतदाता सूची हर चुनाव से पहले या आवश्यकता पड़ने पर संशोधित की जाती है। राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची की गुणवत्ता को लेकर चिंताएं जताई हैं। अब तक 1951 से 2004 के बीच आठ बार एसआईआर की जा चुकी है, जबकि पिछली बार यह प्रक्रिया 2002-2004 में हुई थी। 

पिछले 21 वर्षों में जनसंख्या परिवर्तन, बार-बार होने वाले पलायन, मृत मतदाताओं को न हटाने, गलत पंजीकरण और विदेशी नागरिकों के नाम शामिल होने जैसी समस्याओं के कारण मतदाता सूची में कई त्रुटियां उत्पन्न हो गई हैं, जिन्हें ठीक करने के लिए यह विशेष पुनरीक्षण जरूरी है।

सटीक मतदाता सूची चुनाव की विश्वसनीयता की रीढ़ होती है। अगर सूची में त्रुटियां हैं तो फर्जी मतदान, डुप्लीकेट एंट्री या वास्तविक मतदाताओं का नाम छूट जाना आम हो जाता है। स्वच्छ सूची से यह सुनिश्चित होता है कि हर वैध वोट गिना जाए और कोई अवैध वोट न डाला जाए।



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