आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में शनिवार सुबह वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में मची भगदड़ में घायल हुए श्रद्धालुओं ने मंदिर में भारी अव्यवस्था का आरोप लगाया है। हादसे में घायल लोगों ने बताया कि मंदिर में जाने और बाहर निकलने का केवल एक ही रास्ता था, जो काफी संकरा। जब मंदिर का गेट अचानक खोला गया, तो जो भक्त दर्शन कर बाहर निकल रहे थे, उनका सामना अंदर जाने वालों से हो गया। इसी दौरान भीड़ बढ़ने से कई लोग गिर पड़े और कमजोर स्टील ग्रिल टूट गई, जिससे कई लोग दब गए।
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संकरी जगह, कमजोर ग्रिल और भीड़ प्रबंधन की कमी
एक ऑटो रिक्शा चालक ने बताया, मंदिर का रास्ता बहुत तंग था। मंदिर का गेट खुलने के बाद लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। ग्रिल भी बहुत कमजोर थी और टूट गई। मेरे गांव से लगभग 20 लोग आए थे, जिनमें एक 12 साल का बच्चा भी था, जिसकी मौत हो गई। एक महिला ने बताया कि मंदिर प्रबंधन ने पहले कुछ लोगों को अंदर भेजा और फिर अचानक गेट खोल दिया, जिससे बाहर निकल रहे लोग अंदर जाने वालों से टकरा गए।
एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि अगर आने-जाने के लिए अलग रास्ते बनाए गए होते तो यह हादसा नहीं होता। कुछ घायलों ने बताया कि मौके पर न तो पुलिस थी न ही पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध थीं। डॉक्टरों के अनुसार, करीब 30 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है, जिनमें कई के हाथ-पैर टूट गए हैं।
घायलों से मिले मंत्री के राम मोहन नायडू और नारा लोकेश
घटना के बाद केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु और राज्य मंत्री नारा लोकेश अस्पताल पहुंचे और घायलों से मुलाकात की। उन्होंने डॉक्टरों से इलाज की जानकारी ली और जरूरी मदद का भरोसा दिलाया।
क्या प्रदेश में बंद होंगे निजी मंदिर?
इस मामले में जब आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश से पूछा गया कि क्या निजी मंदिर अब बंद हो जाएगा, तो उन्होंने कहा, ‘यह कहना बहुत अनुचित है कि सरकार मंदिर बंद कर देगी… कुछ सुधार किए जाने चाहिए। लेकिन मंदिर कभी बंद नहीं होते। एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है। हम विधिवत पूजा-अर्चना वगैरह करेंगे। जहां तक इस मंदिर के प्रबंधन का सवाल है, यह मंत्रिमंडल का सामूहिक निर्णय होगा। हम रिपोर्ट आने का इंतजार करेंगे… उस रिपोर्ट के आधार पर हम आगे कदम उठाएंगे… हमें एक बात समझनी चाहिए, भगवान के प्रति अगाध प्रेम रखने वाले एक 91 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी जमीन पर ईंट-ईंट जोड़कर मंदिर का निर्माण किया। उन्होंने कुछ धन इकट्ठा किया और अधिकांश धन उन्होंने खुद लगाया… यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, लेकिन उनकी उम्र भी 90 से ज्यादा है। इस मंदिर को बनाने में बहुत ऊर्जा, प्रयास और प्रतिबद्धता लगती है। इसलिए, हमें इसे सावधानी से संभालना होगा।’
#WATCH | Stampede at Venkateswara Swamy Temple in Kasibugga | When asked if the private temple will now be shut, Andhra Pradesh Minister Nara Lokesh says, “It’s very unfair to say that the Govt will shut the temple…Certain corrections have to be made. But temples are never… pic.twitter.com/48LigcnXwV
— ANI (@ANI) November 1, 2025
‘बिना अनुमति के निजी जमीन पर बना था मंदिर’
पुलिस के अनुसार, यह मंदिर बिना किसी सरकारी अनुमति के निजी जमीन पर बनाया गया था। आयोजकों ने प्रशासन या पुलिस को इस कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी थी। भगदड़ तब मची जब मंदिर परिसर के सीढ़ियों में लगी एक ग्रिल गिर गई, जिससे कई लोग करीब सात फीट की ऊंचाई से नीचे जा गिरे। उस समय मंदिर में लगभग 3000 से 5000 श्रद्धालु मौजूद थे।
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मंदिर परिसर सील, हादसे की जांच जारी
श्रीकाकुलम के एसपी केवी महेश्वर रेड्डी ने बताया कि ‘प्रवेश और निकास के लिए एक ही कतार लगाई गई थी। इसी दौरान ग्रिल टूटने से लोग नीचे गिर पड़े। जानकारी मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक हादसा हो चुका था।’ उन्होंने कहा कि ‘यह निजी मंदिर है, जिसे एक व्यक्ति ने अपनी जमीन पर बिना अनुमति के बनवाया था। किसी तरह की सूचना या अनुमति प्रशासन को नहीं दी गई थी।’ फिलहाल इलाके में स्थिति शांत है। पुलिस ने मंदिर परिसर को सील कर लिया है और हादसे की जांच शुरू कर दी है।