संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने मंगलवार को तत्काल सऊदी अरब के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि उसके दो जहाजों ने यमन में अलगाववादी ताकतों को हथियार और युद्ध वाहन भेजे। यूएई ने इन हवाई हमलों पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि ये वाहन यमन में अमीराती बलों के लिए भेजे गए थे और इसमें सऊदी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के साथ समन्वय किया गया था।
एक बयान में सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कथित तौर पर यूएई की ओर से उठाए गए कदमों को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया। इससे दोनों खाड़ी देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया है। सऊदी अरब ने आज यूएआई पर यमन में ‘बेहद खौफनाक’ कार्रवाई करने का आरोप लगाया। सऊदी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन ने मुकल्ला बंदरगाह पर ‘सीमित’ हमले किए, जिससे क्षेत्र के दो करीबी सहयोगियों के बीच तनाव बढ़ गया।
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अरब लीग महासचिव ने की संयंम बरतने की अपील
इस बीच, अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल घेइत ने यमन में बढ़ते तनाव को तुरंत खत्म करने की अपील की। उन्होंने मौजूदा घटनाक्रम पर गहरी चिंता जताई। घेइत ने कहा कि यह स्थिति उस समय बनी है, जब सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल सरकार (राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद) की मांगों पर प्रतिक्रिया देने में विफल रही है। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने वैध सरकार का समर्थन करने वाले सभी सदस्य देशों से इस नाजुक समय में अरब एकजुटता की भावना बनाए रखने, संयम बरतने और यमन की वैध सरकार के समर्थन में एकजुट अरब रुख का पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह रुख अरब लीग परिषद की ओर से इस संकट पर पारित किए गए लगातार प्रस्तावों के अनुरूप है।
यूएई के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने यमन में अपनी ‘आतंकवाद विरोधी’ इकाइयों की तैनाती को स्वेच्छा से समाप्त कर दिया है। यह जानकारी सरकारी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम (डब्ल्यूएएम) के जरिये दी गई। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह फैसला हालिया घटनाक्रम की व्यापक समीक्षा के बाद लिया गया है। मंत्रालय के अनुसार, 2019 में यमन से सैन्य वापसी के बाद आतंकवाद रोधी इकाइयां ही यूएई की वहां मौजूद आखिरी सैन्य ताकत थीं।