अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा के लिए शुल्क को एक लाख अमेरिकी डॉलर करने पर दुनियाभर में चर्चा तेज है। वहीं अब इसका विरोध खुद अमेरिका में भी जोरो सोरो से देखने को मिल रह है। इसके तहत अब अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर हाल ही में जारी की गई घोषणा पर पुनर्विचार करने को कहा है। इस घोषणा में नए एच-1बी वीजा आवेदनों के लिए एक लाख डॉलर का शुल्क और अन्य प्रतिबंध शामिल हैं।
मामले में अमेरिकी सांसद जिमी पनेटा, और अन्य सांसदों एमी बेड़ा, सालुड कार्बजल और जूली जॉनसन ने गुरुवार को ट्रंप को पत्र लिखकर कहा कि यह निर्णय न केवल भारतीय मूल के पेशेवरों पर असर डालेगा, बल्कि अमेरिका और भारत के बीच संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
ये भी पढ़ें:- ट्रंप-पुतिन के बीच हंगरी सम्मेलन रद्द: रूसी मांगों के बाद हुआ फैसला; यूक्रेन को और अधिक क्षेत्र देने से इनकार
भारत अमेरिका संबंध क्यों मजबूत है?
पत्र में सांसदों ने कहा कि हम हाल ही में भारत की यात्रा करने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हैं और हम जानते हैं कि एच-1बी कार्यक्रम सिर्फ अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, तकनीकी प्रतिस्पर्धा और भारत के साथ संबंधों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने चेतावनी दी कि जब चीन कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उन्नत तकनीकों में भारी निवेश कर रहा है, तब अमेरिका को दुनिया के बेहतरीन प्रतिभाओं को आकर्षित करना जारी रखना चाहिए, ताकि उसकी नवाचार प्रणाली मजबूत बनी रहे।
पिछले साल 71 प्रतिशत भारतीय एच-1बी वीजा धारक
इसके साथ ही पत्र में कहा गया कि भारत पिछले साल एच-1बी वीजा धारकों का 71 प्रतिशत देश है। भारतीय पेशेवर अमेरिका में सूचना प्रौद्योगिकी और एआई में नेतृत्व बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। सांसदों ने यह भी बताया कि एच-1बी धारक अमेरिकी कंपनियों में नई नौकरियां और व्यवसाय बढ़ाने में मदद करते हैं और अमेरिकी कर्मचारियों की नौकरियों को खतरे में नहीं डालते। कई बड़ी अमेरिकी कंपनियों की स्थापना या नेतृत्व एच-1बी वीजा धारकों ने किया है।
ये भी पढ़ें:- US-China: चीन ने ट्रंप के बयान का किया स्वागत, कहा-दोनों देश एक साथ विश्व हित में कर सकते हैं काम
पत्र में कहा गया कि भारतीय-अमेरिकी और अन्य एच-1बी धारक हमारे निर्वाचन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था, शैक्षणिक और सामाजिक संस्थाओं को मजबूत बनाते हैं और हमारे समुytrदायों में योगदान देते हैं। सांसदों ने जोर देकर कहा कि एच-1बी कार्यक्रम केवल कामगारों की जरूरत पूरी करने के लिए नहीं है, बल्कि यह अमेरिका की तकनीकी नेतृत्व और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने ट्रंप से इस कार्यक्रम को बनाए रखने और बढ़ाने का आग्रह किया। सांसद पनेटा ने कहा कि एच-1बी वीजा कार्यक्रम अमेरिका को तकनीकी नवाचार में आगे बनाए रखने में मदद करता है और यह आज के समय में एआई के बढ़ते उपयोग के मद्देनज़र और भी जरूरी है।