Vb-g Ram G Bill:नाम बदलने से लेकर फंडिंग तक…हर मोर्चे पर तकरार; 14 घंटे की बहस में आमने-सामने Bjp और विपक्ष – Vb-g Ram G Bill Lok Sabha Debate Rural Employment Mnrega Amendment Bjp Defends Opposition Questioned


लोकसभा में बुधवार को विकसित भारत जी राम जी (ग्रामीण रोजगार और आजीविका मिशन) संशोधन बिल पर करीब 14 घंटे तक चली बहस ने सियासी तापमान बढ़ा दिया। विपक्ष ने बिल को स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की, जबकि भाजपा ने इसे वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में निर्णायक कदम बताया। देर रात तक चली चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।

कांग्रेस सांसद के सुरेश ने सदन में कहा कि बिल बेहद अहम है और इस पर गहन जांच जरूरी है। उन्होंने तर्क दिया कि 98 से अधिक सांसदों की भागीदारी अपने आप में बताती है कि बिल कितना संवेदनशील है। INDIA गठबंधन ने एक सुर में मांग की कि इसे स्थायी समिति को भेजा जाए। विपक्ष का आरोप है कि सरकार जल्दबाजी में इस कानून को पारित कराना चाहती है।

नाम बदलने पर विरोध

कांग्रेस सांसद वामसी कृष्णा गद्दम ने योजना का नाम बदलने पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि देश महात्मा गांधी से प्रेम करता है, लेकिन भाजपा उनकी पहचान हटाने की कोशिश कर रही है। उनका आरोप है कि पहले 100 प्रतिशत केंद्र से मिलने वाली फंडिंग अब 40 प्रतिशत राज्यों पर डाल दी गई है, जिससे राज्यों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

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वित्तीय ढांचे पर सवाल

कांग्रेस सांसद प्रणिति शिंदे ने कहा कि सरकार चर्चा पूरी होने से पहले ही बिल पास कराने की हड़बड़ी में है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बिल कमजोर किया गया है और इसके जरिए इतिहास को नए सिरे से लिखने की कोशिश हो रही है। वहीं, कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार नाम बदलकर राजनीतिक संदेश देना चाहती है, जबकि असली मुद्दों से ध्यान हटाया जा रहा है।

भाजपा का जवाब

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह बिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विजन को जमीन पर उतारने वाला है। उन्होंने कहा कि नए कानून के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 125 दिनों का रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा, जबकि मौजूदा योजना में यह सीमा 100 दिन थी। उनका दावा है कि इससे गांवों में साल भर रोजगार का चक्र बनेगा।

पारदर्शिता और तकनीक

भाजपा सांसद बसवराज एस. बोम्मई ने कहा कि यह बिल विपक्ष को खुश करने के लिए नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की बदलती जरूरतों के अनुसार लाया गया है। उन्होंने कहा कि तकनीक के इस्तेमाल से धन के दुरुपयोग पर रोक लगेगी और राज्यों की भागीदारी से जवाबदेही बढ़ेगी। वहीं, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि पुरानी योजना भ्रष्टाचार का केंद्र बन गई थी और नए प्रावधान इस पर अंकुश लगाएंगे।

इस ऐतिहासिक बहस के बाद लोकसभा में गुरुवार को वायु प्रदूषण पर चर्चा होगी। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की मांग पर होने वाली इस चर्चा में पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव शाम पांच बजे जवाब देंगे। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि चर्चा समाधान पर केंद्रित होगी। फिलहाल विकसित भारत जी राम जी बिल पर जारी सियासी टकराव ने संसद के माहौल को पूरी तरह गरमा दिया है।

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